
श्री विश्वनाथ धाम आश्रम में चल रहा 9 दिवसीय महायज्ञ
अशोक वर्मा
हरिद्वार। स्वामी प्रखर जी महाराज ने बताया कि वेद मंत्र आज भी प्रत्यक्ष, प्रामाणिक और प्रासंगिक हैं तथा वे हमारी सामयिक समस्याओं के निदान में कारगर भूमिका निभा सकते हैं। कोराना के पुनरागमन के कारण समाज-जीवन में मची उथल-पुथल, लाॅकडाउन और उससे जुड़े अनेकों आसन्न संकटों से पूरी दुनिया भयभीत है। हालांकि दुनियाभर की सरकारें और संगठन मिलकर इस चुनौती पर काबू पाने का कापफी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसमें पूर्ण सफलता नहीं मिल सकी। स्वामी प्रखर जी महाराज आज श्री प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट की ओर से भूपतवाला स्थित श्री विश्वनाथ धाम आश्रम में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।
उन्होंने बताया कि लाखों लोग अकाल मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं और ये सिलसिला अभी रुका नहीं हैं। यूरोप में ये महामारी अपना रौद्र रूप दिखा रही है, तो वहीँ भारत में इसने फिर से दस्तक दी है। श्री विश्वनाथ धाम आश्रम में 18 से 26 मार्च तक चलने वाले नौ दिवसीय कोरोना नाशक चण्डी महायज्ञ का आयोजन इसी उद्देश्य से किया जा रहा है जिससे इस वैश्विक महामारी से समस्त मानवता की रक्षा हो सके।
इस महायज्ञ में काशी के विद्वान आचार्य डाॅ. सुनील दीक्षित के मार्गदर्शन में 70 वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा सस्वर वैदिक मंत्रों से पाठ और आहूति दी जा रही है। प्रखर जी महाराज ने विश्वास व्यक्त किया कि इस यज्ञ से उत्पन्न धुंआ और आध्यात्मिक ऊर्जा वायुमंडल में एंटी वायरस का काम करेगी। इस अभिनव आयोजन में दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ और 14 लाख मन्त्रों का जाप करके राज राजेश्वरी माता दुर्गा की स्तुति की जा रही है जो स्वयं महामारी रूप में अनगिनत जीवों का संहार करती हैं।
मंत्र इस प्रकार है ह्रीं सैव काले महामारी, सृष्टिभ्र्रवत्यजा। स्थितिं करोति भूतानां, सैव काले सनातनी।। इस महायज्ञ में प्रतिदिन 9 घंटों की अवधि में 164 पाठ और 3 घंटे हवन किया जाता है। इससे पूर्व ट्रस्ट की संयुक्त सचिव मा चिदानन्दमयी ने ट्रस्ट का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि देशभर में आध्यात्मिक चेतना, वैदिक संस्कृति के संवर्धन और पीड़ित मानवता की सेवा में श्री प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट निरंतर संलग्न है। गौरतलब है कि ट्रस्ट प्रत्येक कुंभ में चिकित्सा सेवा के अनुकरणीय प्रकल्प का आयोजन करता रहा है।
इसी कड़ी में इस बार के हरिद्वार कुंभ में भी आधुनिक उपकरणों और आपरेशन थिएटर के साथ सभी तीर्थ यात्रियों को निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान की जाएगी।