
कांवड़ मेला एवं प्रोहत्साहन भत्ता न मिलने पर कर्मचारी भड़के
सीएमओ कार्यालय के धेराव की कर्मचारी संघ ने दी चेतावनी
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड का एक प्रतिनिधि मण्डल प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा एवं उपशाखा ऋषिकुल छत्रपाल सिंह के नेतृत्व में ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के परिसर निदेशक डॉ डीसी सिंह से मुलाकात की।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल सिंह वरिष्ठ नेता चंद्रप्रकाश ने कहा कि कावड़ मेला यात्रा भत्ता का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को मिलने वाला डीए व टीए पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार कार्यालय द्वारा पेंच फंसाकर वापस कर दिया है। जिसको लेकर कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हर परिस्थितियों में शासन-प्रशासन के आदेशों का पालन करते हुए अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से निभाते आ रहे है। जिनको सरकार द्वारा अन्य कर्मचारियों की भांति कांवड मेले का डीए व टीए दिये जाने के लिए पैसा भेजा गया था। उस पैसों को सीएमओ कार्यालय द्वारा किस आधार पर अपनी ओर से नियम बनाकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनके अधिकारों से क्यों वंचित किया गया?
उन्होंने कहा कि इस मामले ने सीएमओ कार्यालय की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के प्रति मानसिकता को जाहिर कर दिया है कि सीएमओ कार्यालय हरिद्वार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कितना हितैषी है और किस हद तक जाकर उनके अधिकारों का हनन करते हुए उन्हें सरकार से मिलने वाले लाभ से किस तरह वंचित किया जा सकता है। वह जग जाहिर हो गया है। सीएमओ कार्यालय हरिद्वार द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ भेदभाव की निति अपनाई जा रही है। जिसको लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। इस प्रकरण को लेकर कर्मचारी संघ जिलाधिकारी व सीएमओ हरिद्वार से मुलाकात करते हुए सीएमओ कार्यालय हरिद्वार द्वारा अपनाया जा रहा भेदभाव पूर्ण रवैया की शिकायत करेगा। अगर उसके बावजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उनका अधिकार नहीं दिलाया गया तो मजबूर होकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ सीएमओ कार्यालय घेराव करते हुए प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होगा। जिसकी जिम्मेदारी सीएमओ हरिद्वार की होगी।
इस दौरान प्रदेश ऑडिटर महेश कुमार, जिलामंत्री राकेश भँवर, जिला कोषाध्यक्ष अजय कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि कर्मचारियों का उत्पीड़न अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है जोकि किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, अब तक कर्मचारियों को कोविड महामारी में कार्य करने के बदले प्रोहत्साहन भत्ता भी नही दिया गया, लेकिन चिकित्सा अधिकारियों को दे दिया गया। प्रदेश में इस तरह की दोहरी नीति अपनाई जा रही है जिससे कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है,।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए कब से महानिदेशक महोदया, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कुलपति, कुलसचिव, आयुर्वेद विश्विद्यालय हर्रावाला देहरादून निदेशक होमियोपैथी देहरादून को लिखा जा रहा है। लेकिल उसके बाद भी पदोन्नति नही मिल रही, जबकि सभी संवर्गाे की पदोन्नति हो रही है, मगर चतुर्थ श्रेणी कर्मियों छोड़ा गया ह,ै जोकि न्यायोचित नही है। उन्होंने कहा कि जल्द इस सम्बंध में स्वास्थ्य मंत्री एवं कुलपति आयुर्वेद विश्विद्यालय से मिलकर अनुरोध किया जायेगा।
प्रतिनिधि मण्डल में दिनेश लखेडा, छत्रपाल सिंह, दिनेश ठाकुर, नितिन, चंद्रप्रकाश, दिलबर सिंह सत्कारी, मनोज पोखरियाल, ज्योति नेगी, अमित, सुरेंद्र सिंह, राकेश कुमार, रमेश चंद्र पंत, सुमन्त पाल, ताजबर सिंह, प्रवीण,पप्पू, कल्लू, अजय कुमार आदि मौजूद रहे।