
टस्कर हाथी भिडत में हैं घायल, विभाग टीम हाथी पर नजर गढाये हुए
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। चीला रेंज की तरफ से गंगा के रास्ते आए घायल टस्कर हाथी को वापस जंगल में खदेड़ने के लिए जमकर पसीना बहना पड़ा। वन विभाग की टीम ने घण्टों गंगा के बीचों-बीच जम हाथी को भगाने के लिए ढोल नगाडे बजाये गयेे, लेकिन सब बेकार साबित हुए। किसी तरह टस्कर हाथी गंगा से बाहर किनारे आ चुका है। वन विभाग की टीम हाथी के खुद जंगल चले जाने की सम्भवना वक्त कर ही है। अगर उसके बावजूद हाथी वापस जंगल नहीं गया तो उसको बेहोश कर रेस्क्यू केन्द्र ले जाया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार तड़केेे वन विभाग को सूचना मिली कि ठोकर नम्बर 01 के पास गंगा से होते हुए एक हाथी आबादी क्षेत्रा सप्तऋषि की ओर आ रहा है। सूचना पर डीएपफओ नीरज शर्मा, रेंजर दिनेश नौडियाल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जिन्होंने गंगा के रास्त आबादी क्षेत्र में आने का प्रयास कर रहा था। उसको वापस चीला के जंगल की ओर खदेड़ने के लिए ढोल नगाडे बजाया गया। लेकिन शोर सुनकर हाथी गंगा के बीच रूक गया और घण्टों वहीं खड़ा रहा। वन विभाग की टीम के हाथी को वापस भेजने के प्रयास नाकाम रहे। वन विभाग अधिकारियों ने चीला रेंज के अधिकारियों से सम्पर्क साध कर मामले से अवगत कराया गया। तब जाकर पता चला कि देर रात को दो हाथियों के बीच भिड़त हुई थी। जिसमें एक टस्कर हाथी घायल होकर गंगा की ओर भाग गया था। वन विभाग के अनुसार टस्कर हाथी भिड़त में घायल हो गया था। इसलिए विभाग को बडी सावधानी के साथ हाथी को कंट्राॅल कर वापस जंगल में भेजना है। वन विभाग टीम ने आसपास लोगों की भीड को हटाया गया। जिससे घायल हाथी गंगा के रास्ते सप्तऋषि क्षेत्र के किनारे पहुंचा है। वन विभाग का कहना हैं कि विभाग ऐसा कोई कदम नहीं उठना चाहता कि हाथी गुस्सें में आबादी क्षेत्रा की ओर दौड़ पडे और हम को भारी नुकसान उठाना पडे। वन विभाग को उम्मीद हैं कि घायल हाथी अपनी चोट से राहत मिलने के बाद खुद जंगल की ओर चला जाएगा। वन विभाग की टीम लगातार घायल टस्कर हाथी पर नजर गढाये हुए है। वहीं दूसरी ओर चीला से सूचना मिल रही हैं कि बीती देर शाम को एक मजदूर प्रेम बहादुर को हाथी ने मौत के घाट उतार दिया। जोकि नेपाल मूल का बताया जा रहा हैं जोकि किसी ठेकेदार के यहां पर काम करता था। हरिद्वार रेंज के रेंजर दिनेश नौडियाल के अनुसार मंगलवार तड़के चीला जंगल से गंगा के रास्ते एक हाथी के आने की सूचना मिली थी। वन विभाग की टीम तभी से घायल टस्कर हाथी को चीला के जंगल में खदेड़ने का प्रयास कर रही है। हाथी करीब 20-25 साल का हैं और दो हाथियों की भिड़त में घायल है। उनको उम्मीद हैं कि घायल हाथी राहत मिलते ही खुद ही जंगल चला जाएगा। अगर नहीं जाता तो विभाग के चिकित्सक हाथी को बेहोश कर चिडियापुर रेस्क्यू सेंटर ले जाया जाएगा।