मुकेश वर्मा
हरिद्वार। राजकीय मेडिकल कॉलेज जगजीतपुर हरिद्वार को सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर दिये जाने के फैसले के बाद मेडिकल कॉलेज के छात्रों समेत शहर के लोगों मं गुस्सा है। मेडिकल के छात्रों ने पीपीपी मोड पर देने जाने के फैसले का विरोध करते हुए कॉलेज में प्रदर्शन करते हुए फैसले का वापस लेने की मांग की जा रही है।
वहीं विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार के फैसले का विरोध शुरू कर दिया है। शहर में नगर निगम चुनाव का शोर अपने चरम पर है। ऐसे में विपक्षी दलों को बैठे बैठाये भाजपा पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। जिसको कांग्रेस किसी भी कीमत पर हाथ से निकलने नहीं देना चाहती, वो बात अलग हैं कि नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाकर इस मुद्दे को कितना भुनाकर वोट में तब्दील कर पाती हैं, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। लेकिन इतना जरूर हैं कि शहर में नगर निगम चुनाव केे बीच सियासी पारे को मेडिकल कॉलेज मुद्दे ने ओर भी गरमा दिया है।
बताते चले कि नगर निगम हरिद्वार की तत्कालीन कांग्रेस की मेयर अनीता शर्मा ने शहर की जनता के हित में निगम की 50 बीघा भूमि को बोर्ड में पारित कराते हुए मेडिकल कॉलेज के लिए दी गयी थी। जिसपर सरकार ने करीब 638 करोड की लागत से 100 सीटों के मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया गया है।
मेडिकल कॉलेज निर्माण के अन्तिम दौर में एकाएक सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिये जाने के फैसले से जहां विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी हैरान हैं तो वही शहर की जनता भी अपने को ठगा सा महसूस कर रही है। कांग्रेस ने भी पत्रकार वार्ता करते हुए सरकार के फैसले का विरोध करते हुए मेडिकल छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने तथा शहर की जनता गुमराह करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में जाने की बात कही है।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रंगील सिंह रैना ने बताया कि मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड में दिये जाने का एक पत्र सोशल मीडिया में पिछले दो दिनों से वायरल हो रहा है। जिसको लेकर मेडिकल के छात्र आन्दोलनरत हैं। छात्रों की मांग हैं कि कॉलेज को पीपीपी मोड पर नहीं दिया जाए। मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिये जाने के सम्बंध मंे अभी तक शासन की ओर से उनको कोई पत्र नहीं मिला है।