
संत व महामण्डलेश्वरो के भक्तों ने भी लगाई साथ में आस्था की डूबकी
लीना बनौधा
हरिद्वार। कुंभ के सोमवती अमावस्या दूसरे शाही स्नान पर 13 अखाड़ों ने शाही निकालते हुए ब्रहा्रकुण्ड पहुंचकर शाही स्नान किया। अखाडों के संत महात्माओं व महामण्डलेश्वर के भक्तों ने भी उनके साथ लगाई गंगा में आस्था की डूबकी। वहीं मेला प्रशासन की ओर से अखाड़ों के स्नान समय से पूर्व स्थानीय व बाहरी श्रद्धालुओं ने हरकी पौडी पहुंचकर ब्रहा्रकुण्ड पर स्नान करने की अनुमति दी गयी थी। श्रद्धालुओं ने शाही स्नान पर ब्रहा्रकुण्ड सहित अलग-अलग गंगा घाटों पर स्नान करते हुए पुण्य अर्जित किया। मेला प्रशासन की ओर से शाही स्नान की सुरक्षा व व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।
बताते चले कि शासन व प्रशासन कुंभ के सोमवती अमावस्या दूसरे शाही स्नान पर्व को सकुल सम्पन्न कराने के लिए पिछले एक सप्ताह से कडी मेहनत कर रहे थे। कुंभ प्रशासन की ओर से शाही स्नान पर्व की व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। रविवार की 12 बजे के बाद स्थानीय श्रद्धालुओं को ताता शाही स्नान करने के लिए हरकी पौडी ब्रहा्रकुण्ड सहित शहर के अलग-अलग गंगा घाटों पर लग गया। जिन्होंने सोमवाती अमावस्या शाही स्नान पर गंगा में डूबकी लगाकर पुण्य अर्जित करते हुए मन्दिरों में पूजा अर्चना की।
हरकी पौडी ब्रहा्रकुण्ड में आम लोगों के लिए समय सीमा निर्धारित की गयी थी। जिसके पश्चात मेला प्रशासन द्वारा हरकी पौडी गंगा घाटों की सफाई कराते हुए अखाड़ा संतों के लिए रिजर्व कर दिया गया। कुंभ प्रशासन की ओर से 13 अखाड़ों को क्रमवार करते हुए स्नान करने की समय सीमा निर्धारित की गयी थी। जिसके आधर पर सर्व प्रथम श्री निंरजनी अखाड़ा, श्री जूना अखाड़ा, श्री महानिर्वाणी अखाड़ा, श्री निर्वाणी अणी अखाड़ा, श्री दिगम्बर अणी अखाड़ा, श्री निर्मोही अणी अखाड़ा, श्री पंचायती बडा उदासीन अखाड़ा, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, श्री निर्मल अखाड़ा ने कुंभ प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गो से शाही निकालते हुए हरकी पौडी पहुंचकर ब्रहा्रकुण्ड में स्नान किया। अखाड़ों के संत महात्माओं व महामण्डेलश्वरों के भक्तों ने भी उनके साथ गंगा में लगाई आस्था की डूबकी।
कुंभ प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गो पर स्थानीय व बाहरी श्रद्धालुओं ने सड़क किनारे खडे होकर संत महात्माओं व महामण्डलेश्वरों के दर्शन करते हुए उनपर फूल वर्षा कर उनका आशीवार्द लिया। वहीं कुंभ मेला प्रशासन द्वारा सभी अखाड़ों की शाहियों पर हैलीकाॅपर से फूल वर्षा करते हुए उनका स्वागत किया गया