■बिना स्थान्तरण रद्द किये धरना समाप्त करने से किया चिकित्सकों ने इंकार
■दोनों ओर से एक-दूसरे पर लगाये जा रहे गम्भीर आरोप, धरना प्रदर्शन जारी
■सीएचसी ज्वालापुर में कार्य बहिष्कार के चलते मरीजों को उठानी पड़ रही परेशानी
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ज्वालापुर में चिकित्सक व कर्मचारियों का तीन दिनों से चल रहे धरना प्रदर्शन को सीएमओ के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे एसीएमओ ने धरना समाप्त कराने का प्रयास किया। लेकिन धरने पर बैठे चिकित्सक व कर्मचारियों ने दो टूक जबाब देते हुए बोल दिया कि जब तक चिकित्साधिकारी के स्थान्तरण रद्द का पत्र नहीं मिल जाता तब तक धरना समाप्त नहीं होगा। एसीएमओ ने धरने पर बैठे चिकित्सक व कर्मचारियों को काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन धरने पर बैठे चिकित्सक व कर्मचारियों ने एसीएमओ की एक नहीं सुनी और उनको बैरंग लौटा दिया।
बताते चले कि ज्वालापुर निवासी एक आरटीआई कार्यकर्त्ता नवीन अरोड़ा और सीएचसी ज्वालापुर चिकित्सकों व कर्मियों के बीच लम्बे समय से चली आ रही खींचातानी के चलते दोनों ओर से चल आ रहे धरना प्रदर्शन को लेकर मामले ने तूल पकड़ लिया है। सीएचसी ज्वालापुर के चिकित्सकों व कर्मियों ने आरोप लगाया हैं कि आरटीआई कार्यकर्त्ता नवीन अरोड़ा अवैध रूप से धन मांगने तथा रौब गालिब करते हुए आरटीआई के जरिये उनकी निजी जानकारी मांगते हुए उनका मानसिक उत्पीड़न कर उन्हें परेशान कर रहे है।
वहीं आरटीआई कार्यकर्त्ता नवीन अरोड़ा का आरोप हैं कि सीएचसी ज्वालापुर में भारी अनिमित्ताएं व भ्रष्टाचार है। जिसको लेकर उन्होंने चिकित्सकों समेत 06 कर्मचारियों के खिलाफ आवाज उठाई है और स्वास्थ्य महानिदेशलय को शिकायत की है। उनकी शिकायत व साक्ष्य पर महानिदेशक की ओर से चिकित्सकों व कर्मचारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि अंकित करते हुए वार्षिक गोपनीय प्रविष्टिका इस महानिदेशालय को तत्काल उपलब्ध कराने के आदेश दिये थे।
लेकिन महानिदेशक के पत्र को स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार ने गम्भीरता से नहीं लिया और निर्देशो का पालन नहीं किया। वह तो महानिदेशक के आदेश का अनुपालन कराने के लिए वह न्याय के लिए लड़ाई लड रहे है। इसी के चलते आरटीआई कार्यकर्त्ता द्वारा 01 फरवरी को तीन दिनों तक धरना दिया था। जिसमें खानपुर विधायक उमेश शर्मा ने आरटीआई कार्यकर्त्ता को अपना समर्थन देते हुए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए सीएचसी ज्वालापुर चिकित्साधिकारी का स्थान्तरण करा दिया। जिसको लेकर सीएचसी ज्वालापुर के चिकित्सक व कर्मचारी ने बिना जांच के चिकित्साधिकारी के स्थान्तरण का विरोध करते हुए धरना शुरू कर दिया।
सीएचसी ज्वालापुर में पूर्ण कार्य बहिष्कार के चलते मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिसको लेकर चिकित्सकों व कर्मचारियों के धरने के तीसरे दिन सीएमओ डॉ. मनीष दत्त के स्वास्थ्य खराब के चलते उनके प्रतिनिधि के तौर एसीएमओ डॉ. अशोक तोमर सीएचसी ज्वालापुर धरने को समाप्त कराने के लिए पहुंचे। लेकिन धरने पर बैठे चिकित्सकों व कर्मचारियों ने एसीएमओ डॉ. अशोक तोमर को दो टूक बोल दिया कि जब तक चिकित्साधिकारी डॉ. अमित चौहान का स्थान्तरण रद्द पत्र नहीं मिल जाता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। जिसपर एसीएमओ ने धरने पर बैठे चिकित्सकों व कर्मचारियों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने एसीएमओ की एक नहीं सुनी। जिसके बाद एसीएमओ को बैरंग लौटना पड़ा।
एसीएमओ डॉ. अशोक तोमर ने बताया कि वह सीएमओ के आदेश पर सीएचसी ज्वालापुर चिकित्सकों व कर्मचारियों द्वारा दिये जा रहे धरने को समाप्त कराने पहुंचे थे। सीएचसी ज्वालापुर में पूर्ण कार्य बहिष्कार के चलते मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रहे है और उनको सीएचसी ज्वालापुर से बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ रहा है। जिसको देखते हुए सीएमओ के आदेश पर उन्होंने धरना समाप्त कराने के लिए काफी प्रयास किया। लेकिन धरने पर बैठे चिकित्सकों व कर्मचारियों ने बिना स्थान्तरण रद्द पत्र मिले धरना समाप्त करने से इंकार कर दिया।