
बरामद किशोरी की भी हालत बिगड़ी उपचार के बाद ठीक
मृतक के परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। सुसाइड करने की बात कह कर लापता हुए युवक को क्षेत्रा की किशोरी के अपहरण मामले में चण्डीगढ से बरामद कर ला रही कनखल पुलिस टीम की अभिरक्षा में संदिग्ध् परिस्थितियों में मौत हो गयी। घटना से पुलिस टीम को होश उड़ गये। पुलिस अभिरक्षा के दौरान किशोरी व युवक की तबीयत बिगड़ने की बात कही जा रही है। उपचार के दौरान किशोरी को बचा लिया गया, लेकिन युवक को नहीं बचाया जा सका। पुलिस ने शव को रुड़की सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है। मृतक के परिजनों ने दूसरी पार्टी के साथ सांठगांठ कर पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। लेकिन समाचार लिखे जाने तक परिजनों की ओर से आरोपों के सम्बंध् में कोई तहरीर पुलिस को नहीं दी गयी है। पुलिस के मुताबिक 04 सितंबर को कनखल स्थित संदेश नगर में रहने वाले मेडिकल स्टोर के स्वामी अखिलेश दीक्षित पुत्रा दयाशंकर दीक्षित उम्र करीब 35 वर्ष अपने घर पर अचानक लापता हो गया। जिसकी पत्नी द्वारा रिश्तेदारों की मदद से युवक की तलाश की गयी। लेकिन कोेई सुराग नहीं लगा। इसी दौरान युवक ने अपनी पत्नी को फोन कर सुसाइड करने की बात कहते हुए जानकारी दी कि उसने अपनी लाल शर्ट के नीचे एक सुसाइड नोट लिख छोडा है। जिसके बाद पत्नी की ओर से कनखल थाने में अपने पति के अचानक लापता होने और सुसाइड की बात कहने की जानकारी दी थी। पुलिस मामले की जानकारी मिलने पर युवक की तलाश में जुटी ही थी कि 06 सितम्बर को क्षेत्रा के ही भाजपा नेता की साली भी अचानक लापता हो गई। किशोरी के परिजनों द्वारा लापता हुए युवक पर बहला फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप लगाते हुए कनखल थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। अखिलेश दीक्षित दो बच्चों का बाप है। पुुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू की तो पता चला कि लापता युवक के बैंक के अकाउंट से एटीएम के माध्यम से 20 हजार रुपए निकाले गए थे। जब पुलिस ने अपनी जांच आगे बढाई तो पता चला कि अखिलेश दीक्षित ने खुद बरला मुजफ्रफरनगर के पास एक एटीएम से 5 सितम्बर को दोपहर 2 बजे के करीब 10-10 हजार दो बार पैसे निकाले है। जिसकी पफूटेज पुलिस ने एटीएम मशीन से बरामद की है। बताया जा रहा हैं कि जब पुलिस ने अखिलेश दीक्षित के मोबाइल फोन को सर्विसलांस में लगाया गया तो उसकी लोकेशन पंजाब के चंडीगढ़ में मिली। कनखल थाना कार्यवाहक प्रभारी चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि महिला दरोगा के नेतृत्व में टीम को चंडीगढ़ भेजा गया। टीम ने आरोपी अखिलेश दीक्षित व किशोरी को एक होटल के कमरे से बरामद कर लिया। टीम दोनों को लेकर वापस लौट रही थी, शनिवार की रात अचानक गागलहेड़ी काली नदी के पास अखिलेश दीक्षित व किशोरी की तबीयत बिगड़ने लगी। युवक की स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर उसे भगवानपुर स्थित आरोग्यं अस्पताल में दिखाया गया, जहां चिकित्सकों ने युवक की हालत गम्भीर देखते हुए उसको हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी। पुलिस टीम ने रुड़की स्थित सिविल अस्पताल में युवक को भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। जबकि किशोरी को हरिद्वार स्थित महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उपचार के बाद किशोरी की हालत सामान्य हो गई। पुलिस ने मृतक युवक का शव को रूड़की पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया। मृतक के पिता प्रोफेसर दयाशंकर दीक्षित ने अपने बेटे की मौत के लिए किशोरी के परिजनों व पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। आरोप लगाया हैं कि किशोरी के परिजनों ने पुलिस से सांठगांठ कर बेटे की हत्या कर दी है। इस मामले की न्यायिक जांच के लिए पुलिस के आला अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा। आरोप है कि मृतक अखिलेश दीक्षित की हत्या करने की पहले से ही प्लान तैयार किया गया था, इसी वजह से 04 सितंबर को बेटे को लापता कर दिया। उसके बाद किशोरी को 06 सितंबर को गायब किया गया। अखिलेश दीक्षित ने शहर में कुछ लोगों से 10 परसेंट ब्याज पर लाखों रुपए की रकम भी उठाई हुई थी। उसके अलावा घर का सभी सोने के आभूषणों को बैंक में गिरवी रखा है। मृतक के पिता ने उसी के तीन दोस्तों कोे ही पूरी घटनाक्रम का जिम्मेदार ठहराया है। कनखल कार्यवाहक एसओ चन्द्र मोहन सिंह के अनुसार मृतक के परिजनों की ओर से अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है।