
मांगे पूरी न होेने पर देगे चिकित्सक सामूहिक त्यागपत्र
जिला अस्पताल चिकित्सकों ने काला रिबन बांध कराया विरोध दर्ज
लीना बनौधा
हरिद्वार। प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के आहवान पर मंगलवार को जिला अस्पताल हरिद्वार के चिकित्सकों ने काला रिबन बांध कर लंबित अपनी मांगों पर कार्यवाही न होने से नाराज होकर विरोध दर्ज कराते हुए कार्य किया। चिकित्सकों का विरोध 1 सितम्बर से 07 सितम्बर तक जारी रहेगा। यदि सरकार द्वारा चिकित्सकों की लंबित मांगों पर गम्भीरता नहीं दिखाई तो स्वास्थ्य सेवा संघ ने 8 सितम्बर को सामूहिक त्यागपत्र देने की ऐलान किया है। स्वास्थ्य सेवा संघ हरिद्वार अध्यक्ष डाॅ. शशीकांत ने कहा कि कोरोना काल के दौरान चिकित्सकों ने अपने परिवार की चिंता किये बिना अपने कत्र्तव्यों का पालन कर बडी निष्ठा के साथ मरीजों की सेवा में दिन रात जुटे रहे। कोरोना काल में अपनी सेवाएं दे रहे चिकित्सकों को देश के विभिन्न प्रान्तों की सरकारों द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। लेकिन उत्तराखण्ड में चिकित्सकों को प्रोत्साहन राशि देने के बजाय हर माह एक दिन का वेतन काटा जा रहा है। जिससे सरकार की चिकित्सकों के प्रति सवेदनशीलता साफ झलक रही है। सरकार की इसी नीति से नाराज प्रदेशभर के चिकित्सक नाराज है। उन्होंने सरकार से मांग की हैं कि चिकित्सकों के वेतन कटौती का आदेश तत्काल निरस्त किया जाए और अन्य प्रदेशों की सरकारों की तर्ज पर उत्तराखण्ड के चिकित्सकों को प्रोत्साहन राशि और जोखिम भत्ता दिया जाये। साथ ही पीएमएस के पीजी करने वाले चिकित्सकों को पूूर्ण वेतन दिया जाए। और चिकित्सकीय कार्यो में अनावश्यक प्रशसनिक हस्तक्षेप बंद किया जाए। उन्होंने उधमसिंह नगर के जसपुर में विधायक द्वारा प्रभारी चिकित्साधिकारी से की गयी अभद्रता की निंदा करते हुए विधायक के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। विरोध दर्ज कराने वाले चिकित्सकों में डाॅ. राम प्रकाश, डाॅ. हेमंत आर्य, डाॅ. अनिल वर्मा, डाॅ. निष्ठा गुलाटी, डाॅ. चंदन मिश्रा, डाॅ. संदीप निगम, डाॅ. संजय त्यागी, डाॅ. प्रणव प्रताप, डाॅ. महेश खेतान, डाॅ. एसके श्रीवास्तव, डाॅ. राजीव रंजन तिवारी, डाॅ. सुब्रंत अरोड़ा, डाॅ. राकेश शर्मा आदि शामिल थे।