
सीएमओ ने किया चिकित्साधिकारियों व अभियंता के साथ निरीक्षण
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्तर्गत कोविड-19 के दृष्टिगत जनपद हरिद्वार में जिला चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय एवं मेला चिकित्सालय की एक संयुक्त प्रयोगशाला राजकीय मेला चिकित्सालय, हरिद्वार की छत पर निर्माण कराये जाने हेतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार डा0 सरोज नैथानी के द्वारा सम्बधित चिकित्साधिकारियों एवं अभियन्ताओं के साथ निरीक्षण किया गया। इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार द्वारा बताया गया कि कोविड-19 के अन्तर्गत जाॅच हेतु प्रयोगशाला का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है, जिसमें वायरोलोजी लैब, माइक्रोबायोलोजी लैब के साथ ही डेंगू की जाॅंच एवं हरिद्वार के तीनों बड़े चिकित्सालयों हरमिलाप, चैनराय महिला चिकित्सालय एवं मेला चिकित्सालय की वर्तमान स्थापित प्रयोगशाला को संयुक्त करते हुए समस्त जाॅचे भी इसी प्रयोगशाला में की जा सकेगी। उन्होने बताया कि इस लैब के संचालित होने के उपरान्त तीनों चिकित्सालयों में नमूना संग्रह केन्द्र स्थापित रहेगा, जिसमें मरीजों के सैम्पल लिये जायेंगे। डा0 नैथानी द्वारा जनपद के समस्त पैथोलोजिस्ट डा0 रितु खेतान, डा0 निशांत अंजुम एवं डा0 रविन्द्र चैहान के साथ ही प्रभारी मेला चिकित्सालय डा0 राजेश गुप्ता के साथ गहन विचार विमर्श उपरान्त मेला चिकित्सालय हरिद्वार की छत को चिन्हित किया गया। मौके पर मौजूद लोक निर्माण विभाग एवं ग्रामीण निर्माण विभाग के अभियन्ताओं ने स्थलीय निरीक्षण कर आगणन हेतु तैयारी प्रारम्भ कर दी है। मौके पर डा0 संदीप टंडन, डा0 शशिकान्त, डा0 रामप्रकाश, डा0 देवेन्द्र सिंह रावत, नीरज कुमार गुप्ता, नितिन, अभियन्ता अरूण केसरवानी एवं कृष्णपाल मौजूद रहें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जनपद में चिकित्सा कार्मिकों के साथ हो रही अभद्रता एवं मारपीट को गम्भीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अध्रीक्षक एवं जिलाधिकारी हरिद्वार से वार्ता करने के साथ ही पत्र भी प्रेषित किये गये है। डा0 नैथानी ने तीनों क्षेत्रों मंगलौर, लक्सर एवं भगवानपुर में हुए हमले के दोषियों पर कठोर कानूनी कार्यवाही किये जाने का अनुरोध् किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की पहल पर तीनों स्थानों पर दोषियों के खिलापफ एफ0आई0आर0 दर्ज हो गयी है तथा मुकदमें की कार्यवाही गतिमान है। उन्होने कहा कि आपदा की स्थिति में चिकित्सा विभाग के महिला एवं पुरूष कार्मिकों के साथ ही चिकित्सक अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात काम कर रहें है, लेकिन उनके साथ इस प्रकार के व्यवहार को किसी भी कीमत पर सहन नही किया जायेगा। उन्होने कहा कि विभाग के किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को ऐसी घटनाओं से परेशान होने की आवश्यकता नही है विभाग के सारे कार्मिक उनके साथ है।