
समय रहते सही उपचार न मिलने पर मरीज ने दम तोडा
इमरजेंसी में तैनात ईएमओ व फार्मेसिस्ट मेडिकल बनाने में व्यस्त
कार्यवाहक पीएमएस ने मौके पर पहुंचकर दोनों को जमकर लताड़ा
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। जिला अस्पताल में गम्भीर मरीजों का उपचार में कितनी गम्भीरता व सवेंदनशीलता दिखाई जा रही है। इसका पता आज उस वक्त देखने को मिला, जब जहरीला पदार्थ खाने वाले एक वृद्ध को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया। जहां पर गम्भीर मरीज को इमरजेंसी में इंटर्नो के हवाले कर दिया गया। और खुद वहां पर तैनात चिकित्सक और फार्मेसिस्ट मेडिकल बनाने में व्यस्त रहे है। जबकि उनकी जिम्मेदारी इमरजेंसी में गम्भीर मरीजों के प्रति गम्भीरता दिखाते हुए उनका उपचार करना था। सूचना पर कार्यवाहक पीएमएस ने मौके पर पहुंचकर चिकित्सक व फार्मेसिस्ट को जमकर लताड लगाई। जब जाकर उन्होंने अपनी ड्यूटी के प्रति जिम्मेदारी दिखाई। तब तक मरीज की हालत ओर बिगड़ गयी और उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। आरोप हैं कि यह पहला कोई घटना नहीं हैं अक्सर यह पर ऐसा देखा जा सकता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की दोपहर को जहरीला पदार्थ खाने वाले एक वृद्ध अशोक पुत्र गौवर्धन उम्र करीब 60 वर्ष निवासी राजीव नगर काॅलोनी आर्यनगर ज्वालापुर को उसकी पत्नी प्रेमलता कुछ लोगों के साथ उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंची। जहां पर मरीज अशोक को इमरजेंसी में लेटा दिया गया। लेकिन वहां तैनात ईएमओ डाॅ. एआर रहमान और फार्मेसिस्ट पीसी रतूडी ने गम्भीर मरीज को देखना भी मुनासिब नहीं समझा और मेडिकल बनाने में व्यस्त रहे। गम्भीर मरीज को उपचार जिला अस्पताल में सिखने आये इंटर्रो द्वारा हेंडल किया गया और उसका उपचार शुरू कर दिया। पूरे मामले की जानकारी जब पीएमएस डाॅ. राजेश गुप्ता को लगी तो तत्काल उन्होंने इमरजेंसी पहुंचे। जिन्होंने ईएसओ और फार्मेसिस्ट को मेडिकल बनाने में व्यस्त पाया और गम्भीर मरीज का उपचार में इंटर्र जद्दोहत में लग दिखे। जिन्होंने ईएमओ डाॅ. एआर रहमान और फार्मेसिस्ट पीसी रतूड़ी को अपनी जिम्मेदारी के लिए जमकर लताड लगाई। जब जाकर दोनों ने अपनी ड्यूटी के प्रति गम्भीरता दिखाई। लेकिन तब तक मरीज की स्थिति बेहद गम्भीर हो गयी। और उसने उपचाार के दौरान दम तोड दिया। जिला अस्पताल में यह कोई पहली घटना नहीं हैं जहां पर ऐसी स्थिति देखने का मिली है। आरोप हैं कि जिला अस्पताल में अक्सर ऐसी स्थिति दिखी जा सकती है। जिला अस्पताल कार्यवाहक पीएसएस डाॅ. राजेश गुप्ता के अनुसार उनको सूचना मिली कि जहर खाने वाले मरीज इमरजेंसी में लाया गया है। लेकिन उसको देखने के लिए कोई चिकित्सक वहां मौजूद नहीं हैं और मरीज का उपचार इंटर्र द्वारा किया जा रहा है। जिसपर वह मौके पर पहुंचे तो पाया कि इंटर्न मरीज का उपचार कर रहे थे और चिकित्सक व फार्मेसिस्ट कुछ ओर काम में व्यस्त मिले। जिनको उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराया गया।