
एक चुनौती तो पार की, लेकिन अभी महाचुनौती महाकुंभ 2021 बाकी
भूगोलिक परिस्थितियों ने बांधे शासन-प्रशासन के हाथ
सवालः सरकार व शासन कैसे पार करेगीं महाचुनौती महाकुंभ को पार
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। श्रावण मास का कांवड मेला सकुशल निपट जाने पर प्रशासन सहित स्थानीय नागारिकों ने राहत की सास ली है। पुलिस प्रशासन की ओर से पुलिस मुख्यालय रोशनाबाद में बडा भोज का आयोजन किया गया है। जिसमें शहर के गणमान्य लोगोें सहित राजनीनिति दलों के नेताओं सहित मीडियां कर्मियों को भी आमंत्रित किया गया है। लेकिन कांवड मेलें में कांवडियों को संख्या को लेकर शहर में विरोधाभास जरूर देखा जा रहा है। पुलिस प्रशासन की ओर से करीब चार करोड कांवडियों के जल लेकर प्रस्थान करने की जानकारी दी जा रही है। जोकि स्थानीय नागारियों को गले नहीं उतर रही है। खैर जो भी हो लेकिन सब से बडी राहत स्थानीय नागरिकों को मेला सकुशल निपट जाने की मिली है। पुलिस प्रशासन के लिए अन्तिम दो दिन भारी चुनौती भरे रहे है। जिसमें डाक कांवडियों के सैलाब ने पिछले सभी रिकार्ड तोड दिये। कांवडियों के वाहनों के खडे करने के लिए पार्किग में जगह नहीं मिल पाने के कारण उनको अपने वाहन सड़कों पर ही पार्क करने पडे थे। बताते चले कि श्रावण मास कावंड मेला सरकार व शासन और प्रशासन के लिए सकुशल सम्पन्न कराना बडी चुनौती रहती है। जिसकी व्यवस्था से लेकर निर्विग्ध् सम्पन्नता तक शासन व प्रशासन कांवड मेले को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करती है। हर वर्ष कांवड मेले में कांवडियों की संख्या में इज्जाफा होता नजर आ रहा है। लेकिन शहर की भूगोलिक स्थिति की जानकारी सरकार और शासन व प्रशासन में बैठे सभी अधिकारियों व नेताओं को है। मेले के प्रति सभी गम्भीरता तो दिखाते हैं मगर धरातल की बात करें तो कोई ऐसा ठोस प्लान नहीं बना पा रहे हैं जिससे भविष्य में सम्पन्न होने वाले मेले सकुशलता से निपट जाए और स्थानीय व बाहरी श्रद्धालुओं को भारी परेशानी न झेलनी पड़े। हम सब ने श्रावण मास कांवड मेला 2019 सकुशल सम्पन्न होते हुए देखा हैं जिसमें अन्तिम दो दिन डाक कांवड ने जिस तरिके से पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूला दिये। इतना ही नहीं स्थानीय नगारिकों को भी घरों में कैद रहने के लिए मजबूर रहना पड़ा। अगर मजबूरनवश किसी काम से बाहर निकल गये तो यह कहना मुश्किल रहा कि वह घर पर किस समय तक पहुंच पायेगे? सोचों कि अभी महाकुंभ मेला 2021 अभी बाकि है। जोकि विश्व भर के मेलों में अपना एक विशेष स्थान रखता है। जिसमें देश विदेश से भी लाखों-करोडों की संख्या में श्रद्धालु अपनी उपस्थिति भी दर्ज करायेगें। सोचों कि महाकुंभ पर्व 2021 में स्थानीय नागरिकों व शासन-प्रशासन के लिए क्या स्थिति होने वाली है। राज्य सरकार महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर अभी से गम्भीर हैं और मेले की व्यवस्थाओं का खाका तैयार कर उसको अमली जामा पहनाने में जुटी है। मगर भूगोलिक परिस्थितियां का क्या करें, जोकि शासन व प्रशासन के हाथ बांधे हुए है।