
धूम्रपान के सेवन से व्यक्ति संतान सुख से वंचित भी हो जाता हैंः जीता गुप्ता
नशे की लत व धूम्रपान को रोकने के लिए जागरूकता अभियान
वाल्मिकी बस्ती बिल्केश्वर मार्ग पर लगाया एक दिवसीय शिविर
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग हरिद्वार की ओर से युवाओं में बढती नशे की लत व धूम्रपान को रोकने के लिए जागरूकता अभियान के तौर पर एक शिविर वाल्मिकी बस्ती बिल्केश्वर मार्ग पर लगाया गया। जिसके माध्यम से नशे व धूम्रपान से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी गयी। इस मौके पर मेला चिकित्सालय मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. राजेश गुप्ता ने कहा कि नशे के कारण ही आज नौजवान क्राइम की ओर बढ रहे हैं। यदि घर में कोई व्यक्ति एल्कोहल का सेवन करता हैं तो वह बच्चों से इसको दूर रखें और उनसे न मंगाए। साथ ही दुकानदार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को गुटका व सिगरेट न दें। जबकि तम्बाकू से बने चीजों पर स्पष्ट शब्दों में लिखा होता हैं कि तम्बाकू सेहत के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि गर्मीयों में ही सबसे डर डेंगू का होता है। इसलिए सभी अपने आसपास का वातावरण साफ व स्वच्छ रखें और गंदगी व पानी का भराव न होने दे। जिससे डेंगू व मलेरियां बीमारी से बचा जा सकता है। मुख्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. अजय कुमार ने कहा कि किस तरह आज युवाओं में सांस की बीमारी नशे के सेवन से बढ रहा है। जिससे कुछ समय के मजे के चक्कर में युवा अपना भविष्य दाव पर लगा रहे है। जबकि देश का भविष्य युवा पीढी पर है। यदि देश का युवा स्वास्थ्य रहेगा तो देश भी तरक्की की ओर बढेगा। उन्होंने कहा कि धूम्रपान से सब से ज्यादा नुकसान व्यक्ति के फेफडों का होता है। जिससे टीबी व केंसर की बीमारी जन्म लेती है। शिविर में राष्ट्रीय तम्बांकू नियंत्रण कार्यक्रम हरिद्वार की साइकोलोजिस्ट कांउसलर जीता गुप्ता ने कहा कि किस तरह धूम्रपान तम्बांकू की एक पुडिया में लगभग सात हजार जहरीले तत्व पाये जाते है। यदि कोई व्यक्ति किशोरावस्था से धूम्रपान का सेवन करता है तो उसके शुक्राणुओं की संख्या लगातार घटती जाती है। जिसकारण व संतान सुख से वंचित हो जाता है। देखा गया हैं कि कई बार वह नापुंसक की श्रेणी में पहुंच जाता है। उन्होंने कहा कि हाई ब्लड प्रेशर, गंजापन, मोतियां बिंद, फेफडों का केंसर, मुख का केंसर, गेन्ग्रीन, अल्जाइमर आदि रोग हो जाते है। विश्व में 54 लाख लोगों की मौत प्रतिवर्ष तम्बांकू के सेवन से होने वाली बीमारियों से होती है। राजकीय मेला चिकित्सालय में एक टीसीसी सेंटर 2018 से स्थापित है। जिसमें जो भी व्यक्ति भी इस का लाभ उठा सकता है। जिसके माध्यम से निशुल्क परामर्श सीओ माॅनिटर द्वारा रक्त कार्बन की मात्रा की जांच रिप्लेसमेंट थेरेपी आदि सुविधाए प्रदान की जा रही है। इस शिविर में भारी संख्या में लोगों ने पहुंचकर शिविर का लाभ उठाया।