
भाजपा के स्थानीय मंत्री के उत्पीड़न से परेशान मेयर पति फूट-फूट कर रोये
मेयर पति ने खुद नाले में उतर कर की सफाई
एमएनए पर लगाया मेयर का सहयोग न करने का आरोप
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। नगर निगम हरिद्वार मेयर पति अशोक शर्मा ने आरोप लगाया कि मेयर परिवार को शहर की सफाई व्यवस्था बनाये रखने के लिए खुद नाले में उतरकर सफाई करने के लिए नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने मजबूर कर दिया है। नगर निगम में कोई भी अधिकारी शहर हित के लिए मेयर को कोई सहयोग नहीें कर रहा है। आचार संहिता का बहाना बनाकर भाजपा के मंत्री कांग्रेस मेयर का जमकर उत्पीड़न कर रहे है। उन्होंने कहा कि मेयर की निगम में नहीं सुनी जा रही हैं शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो चुकी है। अधिकारी उनको बता रहे कि उनपर उपर से दबाब हैं कि मेयर को सहयोग नहीं किया जाए। जिसके चलते निगम के एमएनए से लेकर अन्य अधिकारी भी उनकी नहीं सुन रहे है। आलम यह हैं कि मेयर के फोन करने पर भी एमएनए फोन नहीं उठा रहे है। जिसकारण मजबूर होकर आज उनको खुद रेलवे स्टेशन के बाहर नाले में उतर कर सफाई करनी पड़ रही है। लेकिन वह शहर को सड़ने नहीं दिया जाएगा। इसके लिए चाहे उनकी पत्नी व बच्चों को भी नाले में उतरकर सफाई करनी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेगेें। पूर्व पार्षद एवं मेयर पति अशोक शर्मा ने कहा कि क्या शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी केवल मेयर की हैं? क्या नगर विकास मंत्री की नहीं? जबकि शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति की है। लेकिन भाजपा के नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने खुद ही अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान को पलीता लगा दिया। मेयर पति उस वक्त फूट फूट कर रोने लगे कि उनकी पत्नी दस दिनों से अस्पताल में भर्ती रही और बीस दिनों के लिए बेड रेस्ट पर है। लेकिन कोई भी निगम का अधिकारी व कर्मी उनका स्वस्थ्य पूछने के लिए न तो अस्पताल पहुंचा और ना कही घर ही। उसके बावजूद भी वह शहर के विकास के चिंतित हैं और खुद नाले की सफाई के लिए उतरने के लिए तैयार है। पत्नी के खराब स्वास्थ्य के चलते उनको लोगों की शिकायत पर यहां आना पड़ा और फोन करने पर भी एमएनए ने फोन नहीं उठाया। जिसकारण उनको खुद नाले में उतर कर नाले की सफाई करनी पड़ी। नगर विकास मंत्री ने कांग्रेस की मेयर को नीचा दिखाने के लिए शहर को तबाह करने का मन बना लिया है। लेकिन जब तक उनके शरीर में जान हैं वह नगर विकास मंत्री के मनसूबों को पूरा नहीं होेने देेगें। उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारी देहरादून में रहते हैं जिनको निगम में पहुंते पहुंचे 11 बजे जाते हैं और सेंट्ररी इस्पेक्टर भी शहर में नहीं रहते वह भी दूरस्थ क्षेत्रों में रहते है। वह भी समय पर निगम नहीं पहुंच रहे है। जिसकारण शहर की सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं हो पर रही है। जबकि शहर की सफाई व्यवस्था प्रातः 6 बजे शुरू हो जानी चाहिए। जब अधिकारी ही शहर में नहीं होगे तो शहर में क्या काम होगा, इस का अंदाजा लगाया जा सकता है। मेयर अनिता शर्मा ने भी शहर की बिगडती सफाई व्यवस्था के लिए नगर विकास मंत्री को जिम्मेदार ठहरा हैं उनकी तुच्छ मानसिकता के चलते आज शहर की दुर्दशा हो रही है। लेकिन उनकी जिम्मेदारी जनता के प्रति हैं। जिस भरोसे के साथ जनता ने उनको जीता का मेयर बनाया, उस जनता के भावनाओं व अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए उनका परिवार किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। अगर शहर हित के लिए उनको पद छोड़ना भी पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेगी।