♦ठेकेदार से मिले थे राजमिस्त्री और मजूदर को ईनाम में 500 सौ रूपये
♦शराब पीने के बाद ईनाम की राशि के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में हुई
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। राजमिस्त्री की हत्या कर फरार उसके सहयोगी हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा हैं कि हत्यारोपी ने अपने साथी राजमिस्त्री की हत्या ठेकेदार से मिले ईनाम की रकम के बंटवारे को लेकर की थी। पुलिस ने हत्यारोपी के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज करते हुए मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।
कोतवाली नगर प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि उत्तर प्रदेश शाहजहाँपुर निवासी नारद ने 14 अक्टूबर 25 को कोतवाली में तहरीर देकर शिकायती की थी कि उसके भाई रामनिवास जोकि पेशे से मिस्त्री था, कि निर्माणाधीन मकान में मौत हो गयी हैं, उन्हे शक है कि उसके भाई की हत्या कि गयी है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।
पुलिस को जांच के दौरान मालूम हुआ कि मृतक को घटना वाले दिन उसके साथ काम करने वाले मजदूर सतेन्द्र के साथ देखा गया था। पुलिस मजदूर सतेन्द्र की तलाश में जुट गयी, लेकिन सतेन्द्र फरार मिला। पुलिस फरार संदिग्ध की सरगर्मी से तलाश में जुट गयी। इसी दौरान पुलिस ने हत्या मामले में संदिग्ध मजदूर सतेन्द्र को 05 नवम्बर को क्षेत्र से दबोच लिया।
पूछताछ के दौरान संदिग्ध ने अपना नाम सतेन्द्र पुत्र सोहनवीर निवासी ग्राम खटकी थाना परिक्षितगढ जिला मेरठ हाल पता हरिहर चौक के पास सप्तऋषि हरिद्वार बताते हुए खुलासा किया कि वह और मृतक निर्माणाधीन मकान में मिस्त्री का काम कर रहे थे। काम के दौरान दोनों के बीच जान पहचान हो गयी। काम से छुट्टी के बाद दोनों रोज रायवाला जाकर शराब पीने के लिए जाने लगे। 14 अक्टूबर को ठेकेदार ने उनके काम से खुश होकर ईनाम के तौर पर 500 सौ दिये थे।
मृतक ने 500 रूपये से 300 रूपये लिए और उसको 200 रूपये दिये। दोनों रोजना की तरह रायवाला शराब पीने गये। वहां से लौटने के बाद दोनों के बीच ईनाम में मिली रकम के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया। जिसको लेकर दोनों के बीच गाली गलौच के साथ मारपीट शुरू हो गयी। इसी दौरान उसके हाथों राजमिस्त्री की हत्या हो गयी। जिससे वह घबरा गया और वहां से भाग गया। पुलिस ने हत्यारोपी के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज करते हुए मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।
