
*जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ सदस्य की जांच टीम की रिपोर्ट पर ही खडे किये सवाल
*संविदा महिला चिकित्सक व नर्सिग अधिकारी के पक्ष में खडे होते नजर आये
*प्रकरण में की गई कार्यवाही को एक तरफा बताते हुए की दोबारा जांच की मांग
*प्रदेश महामंत्री ने यूनियन फोरम पर नहीं, बल्कि प्रेसवार्ता कर की अपनी मंशा जाहिर
*पत्रकार वार्ता भी महिला आयोग की सदस्या की जांच के वक्त और उसी अस्पताल में की
*चर्चा हैं कि अगर प्रेसवार्ता करनी थी तो उसका समय व स्थान अलग भी हो सकता था
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। गर्भवती महिला प्रकरण पर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के प्रदेश महामंत्री ने अपने ही जिलाध्यक्ष और अपने वरिष्ठ सदस्य द्वारा की गयी जांच रिपोर्ट पर ही उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिंह खडा कर दिया है। इतना ही नहीं सीएमओ के द्वारा दिये गये निर्देशों पर सवाल खडे करते हुए संविदा महिला चिकित्सक और दो नर्सिग अधिकारी के खिलाफ की गई कार्यवाही को एक तरफा बताते हुए दोबारा निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। प्रदेश महामंत्री ने यूनियन फोरम पर जाकर नहीं, बल्कि बकायदा प्रेसवार्ता करते हुए अपनी मंशा जाहिर की। प्रेसवार्ता भी ऐसे वक्त पर की गयी, जब गर्भवती महिला प्रकरण पर राज्य महिला आयोग की सदस्या जांच के लिए जिला महिला चिकित्सालय पहुंची।
सवाल खडा होता हैं कि अगर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री डॉ. रमेश कुंवर को पत्रकार वार्ता ही करनी थी तो उसका समय या फिर स्थान अलग होना चाहिए था। लेकिन यहां पर ऐसा नहीं हुआ, पत्रकार वार्ता भी उसी वक्त की गयी, जब राज्य महिला आयोग की सदस्या कमला जोशी दोनों पक्षों से पीएमएस के कमरे में सीएमओ डॉ. आर. के सिंह, पीएमएस डॉ. आर. वी. सिंह समेत अन्य चिकित्सकों की मौजूदगी में प्रकरण पर जानकारी जुटा रही थी। वहीं पीएमएस के कमरे से समीप ही हॉल में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री डॉ. रमेश कुंवर पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। शहर में चर्चा हैं कि क्या चिकित्सा सेवा संघ के प्रदेश महामंत्री द्वारा पूरे मामले में दबाब बनाने का प्रयास किया जा रहा हैं ?। जबकि सीएमओ हरिद्वार के निर्देश पर पीएमएस द्वारा पूरे प्रकरण की जांच पहले ही चार चिकित्सक टीम के द्वारा कराकर सीएमओ को रिपोर्ट प्रेषित की जा चुकी है।
यहां पर गौर करने वाली बात यह हैं कि बताया जा रहा हैं कि जांच टीम में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के हरिद्वार जिलाध्यक्ष, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, जोकि चिकित्सा सेवा संघ के वरिष्ठ सदस्य हैं और दो सहायक नर्सिग अधीक्षका शमिल रहे थे। लेकिन प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ. रमेश कुंवर ने अपने ही संघ के हरिद्वार जिलाध्यक्ष व अपने वरिष्ठ सदस्य की जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिंह खड़ा करते हुए संविदा महिला चिकित्सक और दो नर्सिग अधिकारी के पक्ष में खडा होते नजर आये। और उन्होंने पूरे प्रकरण की पुनः निष्पक्ष जांच करने की मांग की हैं। इतना ही नहीं चिकित्सा सेवा संघ के प्रदेश महामंत्री ने सीएमओ हरिद्वार द्वारा दिये निर्देशों पर भी सवाल खडे कर दिये। सीएमओ द्वारा दिये गये निर्देशों को एक तरफा कार्यवाही बताते हुए पूर्ण रूप से गलत बताया।
वहीं इसी मसले पर एक सप्ताह का समय सीमा तय करते हुए कहा कि अगर दोबारा निष्पक्ष जांच नहीं होती तो अपने शीर्ष पदाधिकारियों के साथ बैठक कर अपनी अगली रणनीति तय करने की बात कही गयी हैं। सवाल खड़ा हो रहा हैं कि जब प्रकरण की जांच टीम के अहम हिस्सा रहे चिकित्सा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष और चिकित्सा सेवा संघ के वरिष्ठ सदस्य सिनियर बाल रोग विशेषज्ञ थे, तो क्यों प्रदेश महामंत्री को अपनो पर ही भरोसा नहीं रहा ?। जोकि यहां पर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के महामंत्री की मंशा पर बडा सवाल खड़ा हो रहा है। जबकि महिला आयोग की सदस्या जांच के बाद मीडिया से वार्ता के दौरान पूरे प्रकरण पर महिला चिकित्सक समेत स्टॉफ को क्लीन चिट दे चुकी है। और पूरे मामले में गलत फहमी होना बताया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया हैं कि वह अपनी जांच रिपोर्ट राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा को सौपेगी।