
*आरोपः मंशा देवी मार्ग पर भारी भीड होने के बावजूद प्रशासन ने लापरवाही बरती
*हादसे की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में न्यायिक जांच कराने की मांग
*कांग्रेस की मांगः मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का दिया जाए मुआवजा
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। मंशा देवी सीढी पैदल मार्ग पर हुए भगदड हादसे में मारे गये लोगों का सही आकंडा छुपाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरने का प्रयास किया है। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग ने सोमवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकार वार्ता करते हुए आरोप लगाया कि मृतकों की संख्या को छुपाया जा रहा है, कई श्रद्धालु अभी भी गंभीर रूप से घायल हैं। अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। हरिद्वार महानगर कांग्रेस कमेटी दिवंगत आत्माओं के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है। यह घटना पूरी तरह से प्रशासन की असफलता और सरकार की लापरवाही का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि श्रवण मास शिवरात्रि के बाद का प्रथम शनिवार और रविवार हरिद्वार में अधिक भीड़ का होती है। जिसकी जानकारी प्रशासन को अच्छी तरह से पता होती हैं, लेकिन फिर भी प्रशासन की ओर से शहर में उमड़ी भारी भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई। प्रदेश में पंचायत चुनाव के मद्देनजर पुलिसकर्मियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई गई हैं। पर्याप्त पुलिस बल होता तो शायद कल इस घटना को रोका जा सकता था। भीड नियंत्रण के मानकों को इस बार पूरी तरह से नजर अंदाज किया गया है।
श्री गर्ग ने कहा कि सीढ़ी वाले रास्ते को भीड़ बढ़ने पर हमेशा वन-वे कर दिया जाता है, लेकिन बीते रोज श्रद्धालुओं की भारी भीड होने के बावजूद दोनों ओर से आवाजाही जारी रखी गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने सबसे पहले रेस्क्यू कार्य शुरू किया, जबकि पुलिस को घटनास्थल तक पहुंचने में 20 मिनट का समय लग गया। जिससे कई जानें बचाई नहीं जा सकी। जब प्रशासन मौके पर देर से पहुंचा, तब स्थानीय निवासियों ने रेस्क्यू और बचाव कार्य में सहयोग दिया। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कई श्रद्धालुओं की जान बचाने में अहम योगदान दिया।
महानगर अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार मौत का सही आंकड़ा छुपा रही है। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों से बात करने पर स्पष्ट है कि सरकार असली मौत का आंकड़ा छुपा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मृतकों की संख्या सरकार के आंकड़ा ज्यादा हो सकती है, लेकिन प्रशासन सच्चाई सामने नहीं ला रहा। उन्होंने हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने, हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने, मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने, हरिद्वार और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भीड़ प्रबंधन की स्थायी एवं ठोस नीति बनाने और मृतकों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक करने और हादसे की पूरी सच्चाई जनता के सामने लाए जाने की मांग की है।
पत्रकार वार्ता के दौरान मुरली मनोहर, संतोष चौहान, वरुण बलियान, मनोज सैनी, राम यश सिंह, दीपक टंडन, पूर्व पार्षद राजीव भार्गव आदि मौजूद रहे।