*स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं के लिए एक अपर नोडल अधिकारी व 05 सेक्टर अधिकारी नियुक्त
*स्वास्थ्य विभाग को मेले में 05 निजी चिकित्सालय और 09 समाजिक संस्थाए कर रहे सहयोग
*कांवड मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के 24 अस्थाई शिविर समेत 38 चिकित्सा शिविर हो रहे संचालित
*आपात स्थिति के लिए स्वास्थ्य विभाग के शिविरों पर 24 घंटे 1-1 एम्बुलेंस को अलर्ट मोड पर रखा
*कांवडियों की सेवा में स्वास्थ्य विभाग के 89 चिकित्सक, 117 फार्मेसिस्ट व 150 अन्य स्टॉफ तैनात
मुकेश वर्मा/ सीमा बनौधा
हरिद्वार। कांवड मेला की शुरूआत होते ही स्वास्थ्य विभाग ने भी मेला क्षेत्र में स्थापित अस्थाई चिकित्सा शिविरों ने विधिवत रूप से कार्य करना शुरू कर दिया है। शासन के मृताबिक कांवड मेले में 5 करोड़ से अधिक कांवडियों के आगमन की सम्भावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अपनी व्यवस्थाए की गयी है, ताकि कांवडियों समेत कांवड मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई परेशानी पैदा ना हो।
कांवड मेला स्वास्थ्य विभाग नोडल अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि कांवड मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्थापित चिकित्सा शिविरों पर निगरानी रखने और पुख्ता व्यवस्थाओं को बनाये रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कांवड मेले को 5 सेक्टर में विभाजित किया है। जिनमें एक-एक सेक्टर अधिकारी नियुक्त किये गये है। इसके अलावा एक अपर नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की गई है। मेले में स्वास्थ्य नोडल अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य सेक्टर अधिकारी चिकित्सकों समेत स्टॉफ की तैनाती से लेकर दवाओं की आपूर्ति पर फोकस रखने के साथ-साथ व्यवस्था बनायेगें। और तैनात चिकित्सकों व स्टॉफ को समय-समय भीड के दबाब को देखते हुए दिशा निर्देश देगें। अपर नोडल अधिकारी के तौर पर एसीएमओ हरिद्वार डॉ. अनिल वर्मा, सेक्टर अधिकारी के तौर पर डॉ. हेमंत खरतवाल, डॉ. तरूण मिश्रा, डॉ. नरेश चौधरी, डॉ. राव अकरम और डॉ. गुल बहार बनाये गये है।

उन्होंने बताया कि सेक्टर अधिकारियों को अलग-अलग मेला क्षेत्र की जिम्मेदारी सौपी गई है। जोकि अपने-अपने क्षेत्र में रहकर स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य सहयोगी संस्थाओं व निजी चिकित्सालयों द्वारा संचालित निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का निरीक्षण करते हुए वहां की व्यवस्था को सम्भालेगे और किसी चीज की जरूरत पड़ती हैं या फिर कोई परेशानी किसी भी स्तर की होती हैं तो उस परेशानी को उप जिला मेला चिकित्सालय में स्थापित स्वास्थ्य विभाग के मेला कंट्रोल रूम को सूचित करेगें।

स्वास्थ्य नोडल अधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में हरिद्वार शहर को दो भागों में बांटा गया है। जिसमें दो सेक्टर अधिकारी तैनात किये गये हैं जिनमें डॉ. हेमंत खरतवाल और डॉ. नरेश चौधरी। जबकि बहादराबाद क्षेत्र की जिम्मेदारी डॉ. तरूण मिश्रा, रूड़की क्षेत्र की डॉ. राव अकरम और मंगलौर व नारसन की जिम्मेदारी डॉ. गुल बहार को सौपी गयी है। जोकि अपने-अपने क्षेत्र में संचालित चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था को देखेगे।

डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया हैं कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बार 24 अस्थाई निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाये गये है, जबकि 5 निजी हॉस्पिटल की ओर से स्वास्थ्य शिविर लगाये गये है। इतना ही नहीं 09 समाजिक संस्थाए भी स्वास्थ्य विभाग को अपना पूरा सहयोग देते हुए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर अलग-अलग मेला क्षेत्रों में लगाये हैं जिनको स्वास्थ्य विभाग की ओर से अनुमति दे दी गयी है। कांवड मेले में अगर मौजूदा वक्त में संचालित चिकित्सा शिविरों की बात करें, तो स्वास्थ्य विभाग समेत कुल 38 चिकित्सा शिविर कांवड मेला क्षेत्र में संचालित हो रहे है।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की अगर बात करें तो उनके द्वारा स्थापित 24 स्वास्थ्य शिविरों में 89 चिकित्सक, 117 फार्मेसिस्ट और 150 अन्य स्टॉफ को तैनाती दी गयी है। जोकि समय के अनुसार संख्या कम या अधिक हो सकती है। मेला क्षेत्र में संचालित निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर 24 घंटे कार्य करेंगें। इसके अलावा जनपद हरिद्वार के 07 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी कांवड मेले में शमिल किया गया हैं। जिनमें भगवानपुर सीएससी स्वास्थ्य केन्द्र, ईमली खेड़ा सीएससी स्वास्थ्य केन्द्र, बहादराबाद सीएससी स्वास्थ्य केन्द, लक्सर सीएससी स्वास्थ्य केन्द्र, मंगलौर सीएससी स्वास्थ्य केन्द्र, नारसन सीएससी स्वास्थ्य केन्द्र और भूपतवाला सीएससी स्वास्थ्य केन्द्र शामिल है।
स्वास्थ्य नोडल अधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में संचालित सभी चिकित्सा शिविरों में सांप काटने, जानवर काटने, टिटनस इंजेक्शन, टांके लगाना, बीपी व शुगर जांच और डिरीप चढाने से लेकर अक्सीजन देने तक की सुविधा मौजूद है। मेले में सभी स्वास्थ्य विभाग के अस्थाई चिकित्सा शिविर पर 24 घंटे एक-एक एम्बुलेंस वाहन को तैनाती दी गयी हैं। कुल मिला कर स्वास्थ्य विभाग की ओर से 24 एम्बुलेंस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। इसके अलावा निजी चिकित्सालयों व समाजिक संस्थाओं द्वारा संचालित चिकित्सा शिविर पर भी एम्बुलेंस की व्यवस्था उनके द्वारा की गई है।
डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि मेला क्षेत्र में इस बार अस्थाई चिकित्सा शिविरों के साथ-साथ 06 स्थाई चिकित्सा कंडेनर स्थापित किये गये है। जिनमें एक एअर कंडीशनर शामिल है। कंडेनर में खास बात यह हैं कि इस में दो हिस्से है। जिसमें स्टॉफ रूम के साथ-साथ एक मरीज को डिरीप चढाने या फिर कुछ देर तक रोकने के लिए बैड की व्यवस्था है। इतना ही नहीं कंडेनर में मलम पट्टी समेत अन्य सुविधाए भी मौजूद है। जिनमें अगर एअर कंडीशनर कंडेनर की बात करें, तो उसको चंडीघाट पुल के नीचे स्थापित किया है। जबकि पांच कंडेनरों को जरूरत के अनुसार हरकी पौड़ी, पंतदीप मैदान, रोडीबेल वाला मैदान, बैरागी कैम्प और बहादराबाद (बाईपास) को स्थापित किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन सीएमओ डॉ. आरके सिंह, अपर नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ. अनिल वर्मा के साथ वह स्वयं मेला क्षेत्र में संचालित चिकित्सा शिविरों निरीक्षण करते हुए वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेगें और चिकित्सकों से पूरे दिन का फिटबैक भी लेगे। साथ उनके चिकित्सा शिविर में सभी दवाओं की आपूर्ति और किसी भी प्रकार की परेशानी के सम्बंध में जानकारी लेगें। यदि शिविर में कोई परेशानी पैदा होती हैं तो उस परेशानी का तत्काल निदान करने का प्रयास किया जाएगा।
