
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। भेल उप नगरी में पेड़ गिरने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। होली के बाद खराब मौसम के चलते सुबह तेज हवा के कारण एक सूखा पेड़ ईटी हॉस्टल के मकान पर गिर पड़ा। घर के बाहर खेलते बच्चे बाल बाल बचे।

गौरतलब है कि एक माह पूर्व मध्य मार्ग पर पेड़ गिरने से एक युवती की मौत हो गई थी। उसके बाद भेल प्रबंधन की कुंभकरणी नींद खुली और उन्होंने मध्य मार्ग पर 200 जर्जर पेड़ काट डाले। आरोप है कि इस दौरान जर्जर पेड़ की आड़ में कई हरे भरे पेड़ भी काट डाले गए थे। इसी बीच सीएफएफपी गेट के पास एक यूकेलिप्टस का पेड़ पुनः गिर गया था। गनीमत रही कि उससे कोई जनहानि नहीं हुई थी, लेकिन घंटों रास्ता अवरुद्ध रहा और लोगों को घर पहुंचने के लिए बहुत लंबे रास्ते का चक्कर काटने पर विवश होना पड़ा।
बताया जा रहा है कि इतना होने के बाद भी भेल के मध्य मार्ग पर आज भी कई जर्जर पेड़ खड़े है जोकि हादसे का इंतजार कर रहे हैं। होली के बाद उत्तराखंड सरकार ने 1 दिन का स्कूलों का अवकाश की घोषणा कर दी थी। जिस कारण बच्चे स्कूल नहीं गए और घर के बाहर खेल रहे थे। इसी बीच सुबह 10 बजे के लगभग तेज हवाएं चलने से ईटी हॉस्टल के मकान मे स्थित एक सूखा पेड़ गिर गया।
गनीमत रही कि बच्चे बाल बाल बच गए। भेल कारखाने में कार्यरत इंजीनियर रंजीत ने बताया कि उनके घर पर एक सूखा पेड़ वर्षों से खड़ा है जिसकी शिकायत संपदा विभाग में 20 दिन पूर्व मेल द्वारा की गई थी कि उसको तुरंत हटाया जाए, लेकिन संपदा विभाग की लापरवाही के चलते आज सुबह तेज हवा के चलते पेड़ गिर गया बच्चे बाल बाल बच गए। भेल में अनेकों जगह ऐसे सूखे पेड़ खड़े हैं जोकि हादसों को दावत दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सेक्टर 1 मार्केट मंदिर के पास वर्षों से एक पेड़ सुरेश गर्ग की दुकान के ऊपर आधा झुका पड़ा है। जोकि हादसे को दावत देने को तैयार है। जिसकी शिकायत संपदा विभाग में 6 माह पूर्व मे की गई थी, लेकिन शिकायत पर आज तक गौर नहीं किया गया जो कभी भी दुकान पर गिर सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन संपदा विभाग हादसे का इंतजार कर रहा है। उसके बाद ही उसकी आँख खुलेगी और तब पेड़ हटाने की कसरत करेगा। हादसे के बाद भेल के नगर प्रशासक से वार्ता करने का दूरभाष पर प्रयास किया गया लेकिन प्रयास विफल रहा।