
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। भारत रत्न प. मदन मोहन मालवीय जी की जयंती आज गुरुवार को कुशावर्त घाट में सनातन तिथि पद्धति के अनुसार पौष कृष्ण अष्टमी को बड़े हर्षाेल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर तीर्थ पुरोहितों ने सर्वप्रथम महामना के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की माल दर्पण करने वालों में पंडित शिवकुमार बेगमपुरिये, उमाशंकर वशिष्ठ, अंबरीष लच्छी राम के, अभिषेक वशिष्ठ, पुरुषोत्तम ठंडी के, सुरेंद्र झा, रितेश रामचंद्र के, राकेश मिश्रा, त्रिलोकी नाथ, गौतम, नामित शर्मा, उमाकांत आदि मौजूद लोग रहे। तत्पश्चात महामना जी की स्मृति में मृत्युंजय यज्ञ का आयोजन आचार्य प. हरिओम जयवाल, आचार्य बृजेश वशिष्ठ के आचार्यत्व में किया गया।
जिसमें विनीत दलाल, मोहित लच्छीराम के,शिवांश शर्मा, डिम्पल निगरे, अर्चित पटुवर, शशिकांत सोटू के, श्रेय वशिष्ठ,राकेश मिश्रा,नमन अल्हड़, शिवम जयवाल, आकाश, विकास शर्मा, देव मिश्रा, मनीष सिखौला, निकुंज खेवड़िया आदि ने यज्ञ में भाग लिया। तीर्थ पुरोहित कर्मकांड शिक्षा समिति द्वारा आयोजित जयंती समारोह में उमाशंकर वशिष्ठ ने महामना जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महामना जी ने सनातन संस्कृति के उत्थान में, शिक्षा के क्षेत्र में व स्वाधीनता संग्राम में विशिष्ट योगदान किया था। जिसको कभी भुलाया नहीं जा सकता।
कार्यक्रम में गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप झा, श्रीकांत वशिष्ठ एवं अमरीश पंडा ने भी महामना जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सभी तीर्थ पुरोहितों ने अपने विचार रखते हुए भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी के पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत मे माँ गंगा जी की आरती कर प्रसाद वितरण किया गया।