
जनपद में इंजेक्शन से नशा लेने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी
प्रतिस्थापन थैरेपी केन्द्र में मौजूदा वक्त में 154 युवा ले रहे उपचार
नशे के इंजेक्शन से नशा लेने वालों में युवतियां भी हैं शामिल
जिला औषधी नियंत्रण विभाग की कार्यशैली पर खडे हुए सवाल
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। जनपद हरिद्वार में इंजेक्शन से नशा लेने वाले युवाओं की संख्या में प्रतिवर्ष इजाफा होता देखा जा रहा है। एक ही इंजेक्शन के जरिये कई-कई लोगों द्वारा नशा लेने से समाज में जानलेवा सक्रमण बीमारी फैलने का अंदेशा भी लगातार बढता जा रहा है। जिला क्षय रोग चिकित्सालय स्थित प्रतिस्थापन केन्द्र में मौजूदा वक्त में 154 युवा उपचार ले रहे। जनपद में इंजेक्शन से नशा लेने वाले युवाओं में लगातार संख्या बढ़ने से जिला औषधी नियंत्रण विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिये है। युवाओं को इंजेक्शन से नशे की आदत से छुड़कारा दिलाने और समाज में गम्भीर संक्रमण फैलने से रोकने के लिए प्रतिस्थापना थैरेपी केन्द्र के माध्यम से लोगों की इंजेक्शन के नशे की प्रवृत्ति छुड़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
इंजेक्शन से नशा लेने वाले लोगों को चयन चौकम्बा एनजीओ द्वारा उनको विश्वास में लेकर उनके भविष्य को सुनहरा बनाने और नशे की प्रवृत्ति को छुड़ाने के लिए प्रतिस्थापना थैरेपी केन्द्र लाया जाता हैं। एनजीओ के अलावा इंजेक्शन की गिरफ्त में आये युवाओं और परिजनों द्वारा भी अपने बच्चों की जीवन बचाने के लिए केन्द्र की मदद ली जा रही है। यदि जिला क्षय रोग एवं प्रतिस्थापना थैरेपी केन्द्र चिकित्साधिकारी के अनुसार उनके केन्द्र मंे आने वाले अधिकांश युवा वर्ग है। जिनमें युवतियां भी शामिल हैं जिनको केन्द्र द्वारा रोजाना अपने सामने ही दवा खिलाई जा रही है।
जनपद हरिद्वार में नशा तस्करों ने किस हद तक अपना नेटवर्क फैलाकर लोगों की अपने नशे के जाल में फंसा लिया है। नशे के जाल में अधिकांश युवा वर्ग शामिल है। तस्करों द्वारा अपने आर्थिक लालच के चक्कर में सैकड़ों लोगों का जीवन बर्बाद करने में जुटे है। नशा तस्करों द्वारा लोगों को स्मैक, गांजा, चरस, इंजेक्शन, टेबलेट, शराब आदि को परोसा जा रहा है। तस्करों द्वारा चंद रूपयों के लालच में लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनकी जिंदगी बर्बाद कर रहे है। जनपद हरिद्वार में पुलिस द्वारा विभिन्न थाना क्षेत्रों में लगातार समान्य तौर पर नशा के सौदागरों को गिरफ्तार करते हुए उनसे स्मैक, गांजा, चरस, शराब बरामद की जा रही है।
वहीं जनपद में बढते नशे के इंजेक्शन व प्रतिबंधित दवाओं के धड़ल्ले से बिक्री से जिला औषधी नियंत्रण विभाग पर कई सवाल खड़े कर दिये है। जिसकी पुष्टि प्रतिस्थापना थैरेपी केन्द्र हरिद्वार में इंजेक्शन के नशे से छुटकारा पाने वाले युवाओं की बढती संख्या के केस ने कर दी है। भले ही जिला औषधी नियंत्रण विभाग अपनी नाकामी को छुपाने के लिए कोई भी दलील दे, वह नाकाफी है।
हरिद्वार शहर की अगर बात करें तो आज भी कई मेडिकल स्टोरों को बिना रजिस्ट्रेशन धारक उनको चला रहे है। इन मेडिकल स्टोर पर रजिस्ट्रेशन जिस फार्मेसिस्ट के नाम पर होता हैं, उसका केवल सार्टिफिकेट वहां पर टगा तो मिलेगा, लेकिन मेडिकल स्टोर का संचालन कोई ओर करता मिलेगा। ऐसा नहीं कि इस बात की जानकारी ड्रग निरीक्षक को नहीं है। लेकिन जानकारी होने के बाद भी उनकी इस ओर कोई कार्रवाई ना करना उनपर कई सवाल खड़े कर रहे है।
आरोप हैं कि जिला औषधी नियंत्रण विभाग का पूरा संरक्षण ऐसे मडिकल स्टोर संचालकों को प्राप्त है। जिसके चलते उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिला औषधी नियंत्रण विभाग की लापरवाही का खमियाजा आज शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आरोप हैं कि विभाग की लापरवाही के चलते नशे के इंजेक्शन व प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री जनपद में धड़ल्ले से की जा रही है।
जिला क्षय रोग चिकित्सालय में संचालित प्रतिस्थापना थैरेपी केन्द्र हरिद्वार में अगर नशे के इंजेक्शन से आदि युवाओं की संख्या प्रति वर्ष बढ रही है। केन्द्र में वो आकंडे हैं जिनका उपचार वहां पर किया जा रहा है। लेकिन ऐसे कई युवा अभी जनपद में मौजूद हो सकते हैं, जोकि नशे के इंजेक्शन की गिरफ्त में हो और प्रतिस्थापन थैरेपी केन्द्र से दूर है। लेकिन जनपद में चौकम्बा एनजीओ लगातार नशे के इंजेक्शन से नशा लेने वाले लोगो की चयनित करते हुए उनको विश्वास में लेकर उनके नशे की प्रवृति को छुड़ाने के लिए प्रतिस्थापन थैरेपी केन्द्र तक लाया जा रहा है। जहां पर उनको अपने सामने दवा खिलाकर उनको नशे से छुटकारा दिलाने का काम किया जा रहा है।
जिला क्षय रोग एवं प्रतिस्थापन केन्द्र चिकित्साधिकारी डॉ. शादाब सिद्दीकी ने बताया कि नशे के इंजेक्शन से फैलने वाली गम्भीर संक्रमण रोगों की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास के तहत केन्द्र द्वारा उनका उपचार किया जा रहा है। इंजेक्शन से नशा करने वाले लोग एक ही इंजेक्शन से कई लोग नशा लेते है। जिसकारण उनके भीतर गम्भीर संक्रमण रोग फैलने की सम्भावना अधिक होती है। जोकि समाज के लिए गम्भीर संक्रमण रोग फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है। इसलिए प्रतिस्थापन केन्द्र के जरिये नशे के इंजेक्शन से प्रभावित लोगों का उपचार करते हुए संक्रमण रोगों को फैलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। केन्द्र में चौकम्बा एनजीओ द्वारा जनपद से नशे के इंजेक्शन से प्रभावित लोगों को चयनित करते हुए उनको उपचार के लिए केन्द्र तक लाया जाता है। जहां पर उनको विश्वास में लेकर उनका उपचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में नशे के इंजेक्शन से प्रभावित 145 लोगों का उपचार चल रहा है। जबकि वर्ष 2023 में जनवरी से अगस्त तक 18 नये नशे के इंजेक्शन के प्रभावित लोग उपचार के लिए केन्द्र में लाये गये है। जिनको मिलाकर केन्द्र में नशे के इंजेक्शन से प्रभावित लोगों की संख्या 163 तक पहुंच चुकी है। लेकिन जिनमें 09 लोग केन्द्र में दवा लेने के लिए नहीं पहुंच रहे है। जिनके सम्बंध में एनजीओ व उनके परिजनों को अवगत कराया जा चुका है। यदि मौजूदा वक्त की बात करें तो केन्द्र में नशे के इंजेक्शन से प्रभावित 154 लोग दवा लेने पहुंच रहे है।
उन्होंने बताया कि जिनमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक हैं और उनके भीतर नशे के इंजेक्शन से छुटकारा पाने की ललक भी है। ऐसा नहीं नशे के इंजेक्शन की गिरफ्तार में केवल लड़के हैं, बल्कि प्रभावितों में लड़कियां भी शामिल है। केन्द्र में एनजीओ और प्रभावितों के परिजन दोनों ही यहां पर नशे के इंजेक्शन से प्रभावितों को उपचार दिलाने के लिए पहुंच रहे है। फिलहाल जनपद में केवल जिला क्षय रोग चिकित्सालय हरिद्वार परिसर में स्थित प्रतिस्थापन थैरेपी केन्द्र में ही उपचार की सुविधा है। लेकिन जल्द ही रूड़की में भी केन्द्र के खुलने जा रहा है।