11 फूटी बाध की खाल, 15 किलो हड्डी व बुलेरो कार बरामद
चारों वन्यजीव तस्कर पिथौरागढ के धारचूला के निवासी
काशीपुर से खरीदकर खटीमा में बेचने जाते वक्त दबोचे
बाध का शिकार कब और कहा किया, एसटीएफ जांच में जुटी
मुकेश वर्मा
देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली व तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की एसओजी की संयुक्त टीम ने शनिवार की रात को सटीक सूचना पर कार्रवाई करते हुए खटीमा क्षेत्र से 04 शातिर वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से संयुक्त टीम ने 01 बाघ की 11 फूट लम्बी खाल व करीब 15 किग्रा बाघ की हड्डी और बुलेरो कार बरामद की है। दबोचे गये तस्कर पिथौरागढ के धारचूला के रहने वाले है, जोकि लम्बे समय वन्यजीव अंगों की तस्करी में जुटे थे। टीम ने आरोपियों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। इस बात की जानकारी उत्तराखण्ड एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी।

उन्होंने बताया कि बीती शाम को एसटीएफ को गोपनीय सूचना मिली कि चार शातिर तस्कर एक सफेद रंग की बुलेरो जीप से खटीमा की तरफ आ रहे हैं। एसटीएफ सीओ सुमित पाण्डे के नेतृत्व में उत्तराखण्ड एसटीएफ, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली व तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी की एसओजी की संयुक्त टीम ने कार्रवाही करते हुए बताये गये मार्ग पर घेराबन्दी कर बताये गये नम्बर की सफेद रंग की बुलेरो कार को खटीमा टॉल प्लाजा के पास रोक लिया। टीम ने बुलेरो की तलाशी लेने पर वाहन के भीतर से टाइगर की 11 फूट लम्बी एक खाल और करीब 15 किलो बाध की हड्डियाँ बरामद की। बुलेरो कार समेत तस्करों को कार्यालय लाया गया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान तस्करों ने अपना नाम कृष्ण कुमार पुत्र वीर राम निवासी ग्राम बगीचा, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़, गजेंद्र सिंह पुत्र भगत सिंह, संजय कुमार पुत्र नंदन राम और हरीश कुमार पुत्र शेर राम निवासीगण गोठी कालिका, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़ बताते हुए खुलासा किया कि वह खाल व हड्डी काशीपुर निवासी एक व्यक्ति से लेकर आये थे और आज बेचने के लिए खटीमा ले जा रहे थे, तभी पकड़े गये। टीम दबोचे गये तस्करों के अपराधिक इतिहास को खंगालने में जुटी है। तस्करों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ को पिछले कई दिनों से कुमायूँ के जंगलों से वन्यजीव-जन्तुओं के अवैध शिकार की सूचनाएँ प्राप्त हो रही थी जिस पर कुमायूँ युनिट को लगाया गया था। टीम को ज्वांइट ऑपरेशन के दौरान सफलता मिली है। टीम अब इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि इतने बड़े टाइगर का शिकार कहाँ और कब किया गया। इस मामले में जांच की जा रही हैं जिसमें अन्य लोगों के नाम प्रकाश में आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी की जाएगी, बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। जिसे वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है। इसका शिकार करना एक गम्भीर अपराध है। तस्करों के खिलाफ फॉरेस्ट विभाग खटीमा में वन्यजीव अधिनियम व वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जिनको मेडिकल के बाद न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।
