
उत्तराखण्ड प्रदेश में भेदभाव की नीति अपनाने का आरोप
मुख्यमंत्री, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को भेजा ज्ञापन
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ उत्तराखंड की नव निर्वाचित कार्यकारणी के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश लखेडा, महामंत्री सुनील अधिकारी, प्रदेश उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तेश्वर ने मुख्यमंत्री को मेल के माध्यम से प्रोहत्साहन भत्ता दिये जाने की मांग को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया।
ज्ञापन में कहा गया हैं कि प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, चिकित्सा स्वास्थ्य, आयुष, होमियोपैथी के साथ-साथ ठेका सफाई कर्मी, उपनल, पीआरडी कर्मचारियों को आपके आदेश के बाद भी आज तक कोविड काल के लिए प्रोहत्साहन भत्ता नही दिया गया है। जिसको लेकर प्रदेश के कर्मचारियों में रोष व आक्रोश है, जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है। कर्मचारियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि सबसे छोटे संवर्ग को प्रोहत्साहित न कर चिकित्साधिकारियों को 10-10 हजार प्रोहत्साहन भत्ता दे दिया गया। किन्तु कर्मचारियों को आज तक भी नही मिला, एक ही प्रदेश के भीतर भेदभाव की नीति अपनाई जा रही हैं, जोकि उचित नहीं है। अब एनएचएम कर्मियों को भी शासन द्वारा 10-10 हजार का प्रोहत्साहन भत्ता दे दिया गया है। किंतु राजकीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं उपनल, पीआरडी, ठेका सफाई कर्मियों को आज तक प्रोहत्साहन भत्ता न देकर अन्याय किया है, जोकि न्यायोचित नही है।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश पंत, उपाध्यक्ष सुरेश नाथ, संगठन सचिव छत्रपाल सिंह, कमलेश गोस्वामी ने संयुक्त रूप से कहा कि मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है कि कृपया अपने स्तर से इस संबंध में कार्यवाही करने की कृपा करें। यदि जल्द ही मांगो का निस्तारण न होने पर महानिदेशक देहरादून कार्यालय के बाहर आंदोलन किया जाएगा।