सांप, बिच्छू व कुत्ते के काटने की दवा भी चिकित्सा केन्द्रों पर रहेगी उपलब्ध्ः डॉ. चंदन
स्वास्थ्य विभाग ने दिया वर्जुअल बैठक से अपनी तैयारियों को अन्तिम रूप
चिकित्सा केन्द्रों का संचालन 14 जुलाई की सुबह से विध्वित होगा शुरू
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। कांवड मेले की व्यवस्थाओं को लेकर सीएमओ हरिद्वार डॉ. कुमार खगेन्द्र सिंह के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को अपनी तैयारियों को अन्तिम रूप देते हुए एक वर्जुुअल बैठक ली गयी। जिसको कांवड मेला नोडल अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता, जिला अस्पताल के चिकित्साधिकारी डॉ. चंदन मिश्रा ने वर्जुअल बैठक को सम्बोधित किया। इस मौके पर डॉ. मनीष दत भी उपस्थित रहे। स्वास्थ्य विभाग की वर्जुअल बैठक में अस्थाई चिकित्सा केन्द्र में तैनात चिकित्सक, फार्मेसिस्ट, वार्ड बॉय समेत जनपद के समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व प्रथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात चिकित्सकों को भी जोड़ा गया।
नोएड अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता ने वर्जुअल सम्बोंधन में कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रत्येक कर्मचारियों को गम्भीरता दिखाते हुए अपनी ड्यूटी को निभाना है। कावंड यात्रा एक सवेंदनशील यात्राओं में एक है। जिसमें विभिन्न प्रांतों के करोड़ों कांवडिये हिस्सा लेते है। हरिद्वार में कांवड मेला कोविड के चलते दो वर्षो बाद कांवड यात्रा आयोजित हो रही है। जिसमें शासन-प्रशासन की ओर से चार करोड़ कांवडियों के हरिद्वार आगमन की सम्भावना जताई जा रही है।
उन्होंने कहा कि हम सभी को कांवडियों के उपचार के लिए जो जिम्मेदारी निर्धारित की गयी हैं उसको गम्भीरता से निभाना है। यदि किसी भी सदस्य को कांवड यात्रा के सम्बंध् में कोई दुविधा हैं तो निःसकोच उसको समाधान कर सकता है। कावंड यात्रा प्रारम्भ होने पर सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को जुट जाना है।
आज की वर्जुअल बैठक इसलिए आयोजित की गयी कि कांवड मेले में तैनात सभी कर्मचारियों में अपनी ड्यूटी के प्रति कोई शंका न रहे। कांवडियों का उपचार के सम्बंध में सभी दवा चिकित्सा केन्द्रों में उपलब्ध् करायी गयी है। जो भी कांवडियों चिकित्सा केन्द्रों में पहुंचे उसके साथ मुधर व्यवहार व मित्रता के साथ उपचार करना है। अगर कोई गम्भीर कांवडिया पहुंचता हैं तो उसको तत्काल नजदीक के स्थाई चिकित्सालयों में रेफर करना है।
जिला अस्पताल चिकित्साधिकारी डॉ. चंदन मिश्रा ने बताया कि कांवड मेले में कांवडियें अक्सर नगें पैर व हवाई चप्पल पहन कर अपनी यात्रा करते है। कांवड मेले का मार्ग प्रशासन की ओर नहर पटरी निर्धारित किया गया है। नहर पटरी के किनारे सांप, बिच्छू या फिर कुत्ते के काटने का कोई भी कांवडियां चिकित्सा केन्द्र में पहुंचता हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। उससे सम्बंधित दवा भी अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों समेत अन्य स्थाई कन्द्रों में उपलब्ध् करायी गयी है। चिकित्सा केन्द्रों के स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर भी रोजना प्रत्येक चिकित्सा केन्द्रों की मॉनिटरिंग करेगें, जिस दवा की कमी होती हैं तो दवा को तत्काल उपलब्ध् करायेगें।
उन्होंने कहा कि अगर इसके अलावा कावंड मेले में तैनात चिकित्सकों को उपचार करने में कोई भी दिक्कत होती हैं तो तत्काल कांवड मेले के कट्रॉल रूम से सम्पर्क कर सकते है। जहां 24 घंटे चिकित्सक की टीम व वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहेगें। जोकि उनकी समास्याओं को समाधान तत्काल करेगें। स्वास्थ्य विभाग अपने चिकित्सा केन्द्रों का संचालन 14 जुलाई की सुबह से विधिवत शुरू कर देगा। जोकि मेले की समाप्ति तक निरन्तर जारी रहेगा।
वर्जुअल बैठक की व्यवस्था में डॉ. सहायक नोडल अधिकारी डॉ. तरूण मिश्रा, डॉ. वैभव कोहली, डॉ. निशात अंजुम, डॉ. नलिद असवाल का अहम योगदान रहा।
