
परिजन मरीज को पेट दर्द की शिकायत पर लेकर थे पहुंचे
चिकित्सक ने मरीज की मौत की वजह हार्टअटैक बताया
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। पेट में दर्द की शिकायत पर उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचे मरीज की अचानक तबीयत बिगड़ने मौत हो गयी। घटना से अस्पताल में हड़कम्प मच गया। परिजनों ने व्यवस्था को लेकर हंगामा किया। चिकित्सकों ने मरीज की मौत की वास्तविकता की जानकारी देते हुए शांत कराया। जिसके बाद परिजन शव लेकर लौट गये। चिकित्सकों ने मरीज की मौत का कारण हार्टअटैक बताया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती देर रात पेट में दर्द की शिकायत पर परिजन मरीज उत्तमदेव नाथ पुत्र अमरदेव नाथ उम्र 43 वर्ष निवासी बंगाली बस्ती ब्रहा्पुरी हरिद्वार को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। बताया जा रहा हैं कि एमरजेंसी वार्ड में मौजूद चिकित्सक ने इंजेक्शन लगवा कर वापस यह कहते हुए भेज दिया कि सुबह आ जाना। परिजन मरीज को लेकर कुछ तकलीफ होने पर दोबारा जिला अस्पताल पहुंचे। जहां पर मरीज का आधार कार्ड लाने को बोला गया।
बताया जा रहा हैं कि जब मरीज का बेटा शुभम घर से आधार कार्ड लेकर अस्पताल पहुंचा, तो उसके पिता एमरजेंसी वार्ड के सामने बैठे मिले। जब शुभम ओपीडी पर्चा बनाने गया और वापस लौटा तो उसके पिता वहां नहीं मिलें। परिजनों ने पूरे अस्पताल में मरीज की तलाश की मगर नहीं मिले, तभी मरीज का बेेट शुभम शौचालय में देखने गया तो अंदर से बंद शौचालय में उसके पिता को अचेत हालत में पड़ा पाया। जिसके शोर मचाने पर अस्पताल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड कर मरीज को बाहर निकाला गया।
चिकित्सकों ने मरीज को चैक किया तो उसकी सांसे रूक चुकी थी। जिसकी जानकारी लगते ही मरीज के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। जिन्होंने जिला अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खडे करते हुए हंगामा किया। मृतक के बेटे शुभम ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने उसके पिता को नहीं देखा कभी आधार कार्ड तो कभी कुछ कहते हुए उनको दौड़ाये रखा। जिसकारण उसके पिता की तबीयत बिगडने पर मौत हो गयी। एमरजेंसी वार्ड इएमओ डाॅ. विकास दीप ने बताया कि जब मरीज को शौचालय से एमरजेंसी में लाया गया था, तो वह मृत था, मरीज की मौत हार्टअटैक से हुई है। चिकित्सकों ने मृतकों के परिजनों को मौत की वास्तविकता की जानकारी देते हुए शांत कराया। जिसके बाद परिजन शव को लेकर चले गये।