हरिद्वार सीट पर आप नहीं कर सकी अच्छा प्रदर्शन
सपा ने भी चुनाव में औपचारिकता भर निभाई
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। हरिद्वार शहर की जनता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप और अखिलेश यादव की पार्टी सपा को पूरी तरह नाकार दिया। दिल्ली सरकार के मंत्रियों समेत नेताओं ने हरिद्वार की जनता को लुभाने के लिए तरह तरह के प्रलोभन दिये, लेकिन शहर की जनता ने उनके लुभावने वादों को ठुकरा दिया। हरिद्वार विधानसभा सीट पर आप प्रत्याशी संजय सैनी को केवल 2,126 मत ही पड़े। जबकि अखिलेश यादव के पार्टी सपा प्रत्याशी डाॅ. सरिता अग्रवाल को मात्र 237 ही मत मिले। जबकि आप ने तो उत्तराखण्ड में अपने को तीसरे विकल्प के तौर पर अपनी पार्टी की जीत के दावे किये थे। लेकिन सब टाय-टाय फिस हो गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना हैं कि हरिद्वार विधानसभा सीट पर आप अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी। लेकिन आप प्रत्याशी संजय सैनी गलत लोगों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गये। जिन्होंने उनको भारी मत पड़वाने के सपने दिखाये। जिसके चलते उन्होंने अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों को दरकिनार करते हुए उनको सपने दिखाने वाले लोगों के जाल में फंसकर व बहकावे में आकर अपनी छवि और पार्टी को नुकसान पहुंचाया। यहां बताने की अवश्यकता नहीं कि आप प्रत्याशी संजय सैनी ने जिन लोगों पर विश्वास किया। उन्होंने उनको कोई लाभ नहीं पहुंचाया, बल्कि अपना लाभ साधते रहे और पार्टी के पदाधिकारियों को जरूर नाराज कराया।
वहीं सपा की बात करें तो राजनीति जानकारों का कहना हैं कि सपा को हरिद्वार सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कोई प्रत्याशी मिल नहीं पा रहा था। जिसकारण उन्होंने भाजपा को छोड कर सपा में शामिल हुई डाॅ. सरिता अग्रवाल को ही अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। सपा को मालूम था कि सपा का शहर में कोई जनाधार नहीं है। इसलिए औपचारिकता निभाने के लिए विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी उपस्थिति भी दर्ज करानी थी।
इसलिए सपा ने अपना प्रत्याशी के तौर पर डाॅ. सरिता अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतार दिया। लेकिन डाॅ. सरिता अग्रवाल को राजनीति का कोई अधिक अनुभव नहीं हैं, मगर फिर भी भाजपा को छोड कर सपा में शामिल हुई डाॅ. सरिता अग्रवाल को सपा पार्टी से विधायक का चुनाव लड़ने का मौका मिल रहा था। इसलिए वह भी चुनाव लड़ने से इंकार नहीं कर सकी।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना हैं कि डाॅ. सरिता अग्रवाल को भी मालूम था कि जहां पर मदन कौशिक और सतपाल ब्रहा्रचारी जैसे बडी पार्टी के प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। उनकी जीत तो हो ही नहीं सकती, लेकिन उन्होने सोचा कि कहने को तो मिलेगा कि वह हरिद्वार सीट से सपा की प्रत्याशी रही।
