
हरिद्वार में समय पर एम्बुलेस न मिलने पर हुई बुजुर्ग महिला की मौत
जिला अस्पताल बिना सुविधाओं के चल रहा, रेफर सेंटर बन कर रह गया
लीना बनौधा
हरिद्वार। आम आदमी पार्टी प्रवक्ता हेमा भण्डारी ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा करते कहा कि नीति आयोग की 2019 में वार्षिक रिपोर्ट में 23 अलग—अलग मानकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई थी। जिसमे उत्तराखण्ड प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में सबसे निचले पायदान पर बताया गया हैें। उत्तराखण्ड की बीजेपी सरकार अपने कुल बजट का 4.8 प्रतिशत बजट स्वास्थ्य पर खर्च करती है। जबकि दिल्ली अपने कुल बजट का 14 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करती है।
आप प्रदेश प्रवक्ता हेमा भण्डारी पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू हो रही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में पलायन की एक मुख्य वजह लचर स्वास्थ्य सेवाएं है। उत्तराखण्ड में आज भी गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा होने पर दांडी कांडी के जरिये ले जाना पड़ता है। हरिद्वार में मंगलवार को एक 55 वर्षीय बुजुर्ग महिला की इसलिए मौत हो गयी कि उन्हें समय पर एम्बुलेंस नही मिल पाई। परिजनों के अनुसार एम्बुलेंस 1 घण्टे बाद आई जिससे महिला की एम्बुलेंस में बैठाते ही मौत हो गयी। जिसके बाद एम्बुलेंस का चालक एम्बुलेन्स छोड़कर भाग खडा हुआ। हरिद्वार में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। हरिद्वार में एक मात्र जिला अस्पताल बिना सुविधाओ के चल रहा है और रेफर सेंटर बन कर रह गया है। हरिद्वार ही नही अपितु पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पताल रेफर सेंटर बन गए है। दोनों ही पार्टियो के पास स्वास्थ्य को लेकर कोई ठोस नीति नही है।
जिला मीडिया सह प्रभारी अनिल सती ने कहा कि इसे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा कि एम्बुलेंस की देरी से एक महिला दम तोड़ देती है, यही हाल पूरे प्रदेश का है। पिछले 20 वर्षों में स्थानीय विधायक हरिद्वार एक अस्पताल देना तो छोड़ों सरकारी अस्पताल में सरकारी मशीनरी को दुरूस्त करने में नाकामयाब रहे है। जिन मूलभूत सुविधाओ को लेकर प्रथक राज्य के निर्माण को लेकर आंदोलन किया था, दुर्भाग्य है कि आज पूरा प्रदेश भष्टाचार की भेंट चढ़ गया। जहाँ दिल्ली समेत अन्य राज्य कोरोना की तीसरी लहर को लेकर नीति बना रहे है, वही हमारे राज्य के युवा मुख्यमंत्री और सरकारी महकमा चुनावी रैलियों में व्यस्त है।