
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मण्डल ने ज्ञापन सौपा
लीना बनौधा
हरिद्वार। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड ने महानिदेशालय देहरादून जाकर महानिदेशक के पीएस सेमवाल को ज्ञापन सौंपा। महानिदेशक वीसी में व्यस्त होंने कारण ज्ञापन नही ले पायी। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा, महामंत्री सुनील अधिकारी और प्रदेश उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा ने कहा कि दो-दो बार महानिदेशक, निदेशक से समझौते होने के बाद भी पदोन्नति की कार्यवाही न होने के कारण प्रदेश के कर्मचारियों में आक्रोश पनपने लगा है जो कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है।
जिसकारण महानिदेशालय जाकर ज्ञापन दिया गया, जिसमें कर्मचारियों की पदोन्नति लेब सहायक, डार्करूम सहायक, ओटी सहायक, ड्रेसर, के पदों पर पदोन्नति का 50 प्रतिशत का कोटा और लिपिक के पदों पर कई वर्षों से पदोन्नति नही हुई है, जबकि शिक्षा, सिंचाई, कलेक्ट्रेट, विकास, पशुपालन, उद्यान विभाग में पदोन्नति की जा चुकी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पिछले वर्ष से कोरोना महामारी में अग्रिम पंक्ति में कार्य करने का यह परिणाम है कि आज तक पदोन्नति नही हो पाई है। जिससे कर्मचारी निराशा हो चुके हैं कई कर्मचारी पदोन्नति की आस में सेवानिवृत्त हो चुके हैं अगर 15 दिवस में कर्मचारियों की मांगो का निस्तारण ना होने की दशा में अगर आंदोलन किया जाता है। तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी महानिदेशालय की होगी, जल्द ही एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी पीड़ा से अवगत करायेगे।
संयुक्त मंत्री रविन्द्र सिंह, प्रवक्ता शिवनारायण सिंह, संगठन सचिव दिनेश गुसाईं, सुरेंद्र कश्यप ने कहा कि कर्मचारियों को नर्सिंग संवर्ग की भांति पोष्टिक आहार भत्ता, पुलिस चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भांति एक माह का मानदेय उद्यान विभाग के माली संवर्ग की भांति स्वास्थ्य के कर्मचारियों को टेक्निकल घोषित कर पदोन्नति के रूप में अगला वेतनमान दिया जाना न्यायोचित होगा, जोखिम भत्ता इत्यादि मांगो पर कोई ठोस कार्यवाही न होने से कर्मचारी व्यथित और बेहद दुखी है कोरोना रोगियों के संपर्क में सबसे पहले वार्ड बाॅय, सफाई कर्मचारी आते हैं कर्मचारी रोगियों को खाना, आक्सीजन सिलेंडर डयूटी, ओटी डयूटी, वार्ड डयूटी, इमरजेंसी, लेब, रक्तकोष, वीआईपी सब कर रहा है। अधिकारी संवर्ग को पता है किंतु चतुर्थ श्रेणी को तृतीय श्रेणी नही बनाना है यही लगता है संघ आंदोलन नही चाहता, लेकिन महानिदेशालय वाले मजबूर कर रहे हैं इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व उनका होगा।