
योगगुरु को जरूरत पड़ती है, तो क्यों खुद एम्स में भर्ती होते हैं: डॉ शशिकांत
जिला चिकित्सालय के डॉक्टरो ने काली पट्टी बांध किया विरोध प्रदर्शन
लीना बनोधा
हरिद्वार। आईएमए उत्तराखंड के सभी चिकित्सको ने आज 1 जून को काली पट्टी बांध कर कार्य कर बाबा रामदेव के विवादित बयानों के लिए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय व मेला चिकित्सालय के डॉक्टरो ने काली पट्टी बांध कर विरोध करते हुए कार्ये किया।
जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शशिकांत ने बताया किया कि आज सभी चिकित्सकों ने काली पट्टी बाँध कर विरोध शांतिपूर्ण तरह से किया है, अगर बाबा रामदेव आगे भी ऐसे विवादित बयान देते रहेगे, तो सभी डॉक्टर पूर्ण रूप से उनके विरोध में प्रदर्शन कर हड़ताल पर जाएंगे। जिससे उन्हें ऐसे बयान देने के बाद पता चलेगा कि डॉक्टर आज कल कोरोना काल मे अपनी जान की बाजी लगा कर कार्ये कैसे कर रहा है। अगर उन्हे इतना ही लगता है तो वह खुद क्यों वेंटिलेटर नही चला लेते। जब उन्हें खुद जरूरत पड़ती है, तो क्यों खुद ऐम्स में भर्ती हो जाते है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश गुप्ता ने कहा कि तीनों पैथी का अपना अपने आप में विशेष योगदान है बाबा को किसी भी पैथी के बारे में बोलने का कोई हक़ नही है। उन्होंने बताया बाबा योगगुरु है न ही आयुर्वेदाचार्य। उन्होंने कहा कि बहुत सी जगह आयुर्वेद के डॉक्टर एलोपेथ के डॉक्टर के साथ मिलकर कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं इस आपदा की घड़ी में उन्हे ऐसे बयान नही देने चाहिए।
विरोध प्रदर्शन में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश गुप्ता, बाल रोग विशेष डॉ शशिकांत व डॉ हितेन जंगपांगी, फिजिशियन डॉ संदीप टंडन, नेत्र सर्जन डॉ चंदन मिश्रा व डॉ सुव्रत अरोड़ा, सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ राम प्रकाश, गेनोकॉलोजिस्ट डॉ यशपाल तोमर, मैकॉरोबिलोजिस्ट डॉ निशात अंजुम, पाथोलॉजिस्ट डॉ तेजस्विता बिष्ठ, डॉ वैभव, डॉ अनमोल, डॉ प्रदीप, डॉ करिश्मा, डॉ रहमान, डॉ पंकज, डॉ विकासदीप आदि ने काली पट्टी बांध कर चिकित्सालय में कार्ये करते हुए विरोध किया।