
मीडिया व विभागीय अधिकारियों के नहीं उठा रहे फोन
कोरोना काल में अस्पतालों की स्थिति चिंताजनक
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। जनपद में कोरोना संक्रमण के मरीजों व मौतों की बढती संख्या से लोगों में खौफ है। कोरोना मरीजों के उपचार व व्यवस्था के प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे दावें हवाई साबित हो रहे है। वहीं मीडिया कर्मियों के फोन मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अटेट नहीं किये जा रहे। सीएमओ मीडिया से बात करने से कतरा रहे है। उनको मालूम हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे दावे केवल कागजों तक ही सीमित है। इसलिए वह मीडिया के सवालों से बच रहे है। सूत्रों के अनुसार सीएमओ पर विभागीय चिकित्सा अधिकारियों के फोन न उठाने के भी आरोप है। जिसकारण कोरोना संक्रमित मरीजों की व्यवस्था व उपचार में स्वास्थ्य विभाग मे आपसी समन्वय स्थापित न होने का खामियाजा आज मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
बताते चले कि जनपद हरिद्वार में कोरोना संक्रमण ने जिस तेजी से अपने पैर पसारे है यह किसी से छुपा नहीें है। कोरोना संक्रमण के मरीजों व मौतों की बढती संख्या ने लोगों में खौफ पैदा कर दिया है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग कोरोना को लेकर बेहद गम्भीर होने व समुचित व्यवस्था के दावे जरूर कर रहा है। मगर वास्तव में धरातल में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। सरकारी हो या फिर निजी अस्पतालों की स्थिति बेहद की खौफनाक है। जहां पर भर्ती मरीजों को आक्सीजन, बैड व वैंटीलेटर सहित दवाओं को लेकर भी मरीजों के परिजनों को मारामरी करनी पड़ रही हैं और अस्पतालों की व्यवस्थाओं को लेकर मरीजों के परिजनों में बेहद गुस्सा देखा जा रहा है।
लेकिन उसके बावजूद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की गम्भीरता कही नजर नहीं आ रही है। जब व्यवस्था व उपचार के दावों को लेकर मीडिया द्वारा सीएमओ डाॅ. शम्भू कुमार झा से मोबाइल पर सम्पर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन वह मीडिया के फोन नहीं उठा रहे है। जब उनकी उच्चाधिकारियों के सामने उनकी शिकायत की जाती हैं तो वह व्यस्त होने की बात कहते हुए बात को टाल देते है। सीएमओ द्वारा मीडिया के फोन न उठाने की वजह के पीछे की अगर बात करे, तो वह स्वास्थ्य विभाग के कोरोना काल में उसकी नाकामी है। जिसकारण मीडिया के फोन नहीं उठाये जा रहे हैं, उनको मालूम हैं कि वह मीडिया के सवालों का जबाब नहीं दे पायेगें।
सूत्रो के अनुसार सीएमओ डाॅ. शम्भू कुमार झा केवल मीडिया के ही फोन ही अटेट नहीं कर रहे, बल्कि उनपर विभागीय चिकित्सा अधिकारियों के फोन न उठाने का भी आरोप लग रहे है। बताया जा रहा हैं कि जिन चिकित्सा अधिकारियों के फोन सीएमओ द्वारा नहीं उठाये जा रहे वह चिकित्सा अधिकारी इनके इस व्यवहार से बेहद दुखी है। कोरोना काल में सीएमओ और विभागीय चिकित्सा अधिकारियों के बीच तालमेल न हो पाने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। जनता हित में सीएमओ को चाहिए की मीडिया व विभागीय अधिकारियों के फोन अटेट करे, ताकि मरीजों को होने वाली परेशानियों से छुटकारा और विभागीय चिकित्सक अधिकारियों की आपसी समन्वय का लाभ मिल सकें।