18 वर्षो से फरार चल रहा पांच हजार का ईनामी हत्यारोपी गिरफ्रतार

वर्ष 2001 में की थी नील धारा टापू पर महिला सहित छः लोगों की हत्या
तीन हत्यारोपी पूर्व में हो चुके हैं गिरफ्रतार, दो चल रहे थे फरार
मुकेश वर्मा
हरिद्वार। आधा दर्जन हत्या के ईनामी हत्यारोपी को आखिर बहादराबाद पुलिस ने बिजनौर से गिरफ्रतार करने में सफलता हासिल की है। जोकि 18 वर्षो से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार चल रहा था। जिसकी सरगर्मी से पुलिस तलाश में जुटी थी। ईनामी बदमाश ने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर वर्ष 2001 में कोतवाली नगर क्षेत्र में एक महिला सहित छः लोगों की हत्या की थी। हत्या के तीन आरोपियों को पुलिस ने पूर्व में ही गिरफ्रतार कर लिया था। मगर दो हत्यारोपी फरार थे। जिनमें एक आरोपी की शिनाख्त न होने के कारण उसका कुछ पता नही चल पाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 जून 2001 की रात को कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित नील धारा टापू में पांच बदमाशों ने सेवादार महादेव, काला बाबा, विष्णु गिरि, दो अज्ञात पुरूष और एक अज्ञात महिला को मौत के घाट उतार दिया था। एक साथ हुई छः हत्या ने पुलिस महकमे में हड़कम्प मचा दिया था। घटना के सम्बंध् में एक साधु धुना गिरि निवासी नेपाल ने पांच बदमाशों संजू उर्फ लम्बू पुत्र कविराम विश्वकर्मा निवासी ग्राम उमरी घटेत खोला, राप्ती अचंल, नेपाल हाल निवासी झुग्गी झोपडी रोड़ीबेल वाला हरिद्वार, रमेश उर्फ मेंटल पुत्र राम कृपाल निवासी पूरा मोजोरी बलिया यूपी, भरत पुत्र गंगा विशन पासवान निवासी ढाली गांव निवगोई आसाम, रावण उर्फ राजू पुत्र राम स्वरूप निवासी लखमनपुर धामपुर बिजनौर हाल निवासी झुग्गी झोपडी रोड़ीबेलवाला हरिद्वार और प्रदीप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तलाश करते हुए तीन हत्यारोपियों संजू उर्फ लम्बू, रमेश उर्फ मेटल और भरत को गिरफ्रतार कर लिया था। लेकिन रावण और प्रदीप फरार थे। जिनकी तलाश की जा रही थी। बताया जा रहा हैं कि गिरफ्रतार तीनों आरोपियों ने प्रदीप के सम्बंध् में कोई ठोस जानकारी नहीं दे पाये और ना ही साधु धुना गिरि ही कुछ बता पाये। फरार चल रहे दोनों हत्यारोपियों पर एसएसपी द्वारा 23 अक्टूबर 2014 करे ढाई-ढाई हजार का ईनाम घोषित कर दिया। लेकिन उसके बाद भी कोतवाली नगर पुलिस दोनों हत्यारोपियों को नहीं पकड पायी। जिसपर डीआईजी ने 26 सितम्बर 18 को फरार चल रहे हत्यारोपियों की गिरफ्रतारी के लिए अपनी ओर से ढाई-ढाई हजार का ईनाम घोषित कर दिया। अब दोनों हत्यारोपियों की गिरफ्रतारी पर पांच-पांच हजार का ईनाम घोषित कर दिया गया। लेकिन उसके बावजूद भी कोतवाली नगर पुलिस के हाथ खाली रहे। बताया जा रहा हैं कि जिन दरोगाओं को दोनों हत्यारोपियों को दबोचने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। उनके आगे सब से बडी समस्या उनकी पहचान आडे आ रही थी। हत्यारोपियों की कोई फोटो नहीं हो पाने पर पुलिस के आगे समस्या खडी थी। दोनों हत्यारोपियों को दबोचने के लिए अलग- अलग उपनिरीक्षकों को जिम्मेदारी सौपी गयी। लेकिन हत्यारोपी पुलिस अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर चकमा देकर बचते रहे। इसी क्रम में रावण को गिरफ्रतार करने का जिम्मा उपनिरीक्षक कुंवर राम आर्य को भी सौपा गया। लेकिन उनका कहना हैं कि रोड़ीबेलवाला क्षेत्र में रावण नाम के दो व्यक्ति थे। जिनमें से उन्होंने एक को दबोच लिया, मगर पता चला कि जिस बदमाश को दबोचने की जिम्मेदारी उनको सौपी गयी वह तो कोई ओर है। उपनिरीक्षक कुंवर राम आर्य का कहना था कि रावण की गिरफ्रतारी में सब से बडी अडचन उसकी फोटो न होने के कारण आ रही थी। लेकिन वहीं बहादराबाद पुलिस ने अपने सूत्रों के आधार पर आखिर 18 वर्षो से फरार चल रहे छः हत्या के आरोपी रावण को नगीना बिजनौर यूपी से गिरफ्रतार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार चल रहे हत्यारोपी की गिरफ्रतार करने सेहरा बहादराबाद पुलिस के सिर बंधा। बहादराबाद एसओ राजीव उनियाल के अनुसार उनको मुखबिर से सूचना मिली कि कोतवाली नगर क्षेत्र में हुई छः हत्या का फरार चल रहा आरोपी रावण नगीना बिजनौर में छुपा है। जिसपर पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए हत्यारोपी रावण को दबोच लिया। जिसकी जानकारी आलाधिकारियों सहित कोतवाली नगर को दी गयी। बताया जा रहा हैं कि कोतवाली नगर प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कोश्यारी ने भी बहादराबाद थाने पहुंचकर हत्यारोपी रावण से पूछताछ की। लेकिन छः हत्या के अन्तिम आरोपी प्रदीप की कोई ठोस जानकारी न हो पाने के कारण उसका कुछ पता नहीं चल सका है।